स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी का हुआ शुभारंभ

Feb 9, 2021, 17:27 IST

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी एक नया अंतर-सरकारी संगठन है जो रेडियो खगोल विज्ञान को समर्पित है. इसका मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम में स्थापित किया गया है.

Square Kilometre Array Observatory launched
Square Kilometre Array Observatory launched

एक नया अंतर सरकारी संगठन स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी (SKAO) लॉन्च किया गया है. यह रेडियो खगोल विज्ञान के लिए समर्पित होने वाला दुनिया का दूसरा अंतर सरकारी संगठन है.

महत्व

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी काउंसिल का लक्ष्य दो रेडियो टेलीस्कोप नेटवर्क का निर्माण और संचालन करना है, जो अब तक की कल्पना में सबसे बड़े और सबसे जटिल नेटवर्क होंगे.

इन दो नेटवर्क्स के साथ, इस अंतर सरकारी संगठन से ब्रह्मांड के बारे में कुछ बुनियादी सवालों के जवाब देने की उम्मीद जताई जा रही है. ये दोनों नेटवर्क्स दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में आधारित होंगे.

स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी क्या है?

• स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी/ वेधशाला रेडियो खगोल विज्ञान के लिए समर्पित एक नया अंतर सरकारी संगठन है. इसका मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम में स्थापित किया गया है.
• इस स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी को पांच दशकों से अधिक समय तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
• SKAO के पहले चरण का निर्माण वर्ष, 2027 तक पूरा होने का अनुमान है.
• वर्ष, 2025 तक इस संगठन द्वारा प्रारंभिक विज्ञान सत्यापन परिणाम प्राप्त करने की उम्मीद है.

इस संगठन के सदस्य कितने देश हैं?

• वर्तमान में लगभग 16 देश सरकार या राष्ट्रीय-समन्वय स्तर पर या पर्यवेक्षकों के तौर पर इस परियोजना का हिस्सा हैं.
• राष्ट्रों में भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, न्यूजीलैंड, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड और स्पेन शामिल हैं.

SKAO में भारत

भारत राष्ट्रीय-समन्वय स्तर पर स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी में भाग ले रहा है, जिसका नेतृत्व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स ने किया है.

कुल मिलाकर, देश भर के 19 संस्थान इस भारतीय समन्वय टीम का हिस्सा हैं, जिनमें IIT इंदौर, IIT खड़गपुर, IIT कानपुर और IISc बैंगलोर शामिल हैं.

SKAO रेडियो दूरबीन

• स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी के तहत दो रेडियो टेलीस्कोप नेटवर्क्स स्थापित किए जाएंगे. इस ऑब्जर्वेटरी में एक भी दूरबीन नहीं होगी, लेकिन रेडियो टेलीस्कोप के एंटेना और डिशेज का एक ऐरे होगा.
• ये दोनों नेटवर्क्स दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में स्थापित किए जाएंगे.
• इन डिशेज में, 64 पहले से मौजूद हैं और SARAO या दक्षिण अफ्रीकी रेडियो खगोल विज्ञान वेधशाला (SARAO) द्वारा संचालित किए जा रहे हैं.

SKAO उद्देश्य

• स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी प्रोजेक्ट का वैज्ञानिक उद्देश्य ब्रह्मांड के विकास की मानवीय समझ को बेहतर बनाने के साथ-साथ अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा प्रस्तावित सिद्धांतों का परीक्षण करने के लिए गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अध्ययन करना है.
• SKAO ने भी लाखों आकाशगंगाओं का मानचित्रण करते हुए बाहरी अंतरिक्ष में जीवन के संकेतों की तलाश की है.
• SKAO अवसंरचना के माध्यम से एकत्र किए गए डाटा को वैश्विक विज्ञान समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए दुनिया भर के क्षेत्रीय केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा.

रेडियो टेलिस्कोप क्या हैं?

• ये रेडियो टेलिस्कोप अदृश्य गैस का पता लगा सकते हैं और इसलिए, अंतरिक्ष के क्षेत्रों को प्रकट कर सकते हैं जो ब्रह्मांडीय धूल द्वारा अस्पष्ट हो सकते हैं.
• पहले रेडियो संकेतों का पता वर्ष, 1930 के दशक में भौतिक विज्ञानी कार्ल जानस्की ने लगाया था.

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