विद्यार्थी–वैज्ञानिक संपर्क कार्यक्रम ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम का जुलाई 2017 के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी में आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया गया. वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) केन्द्रीय विद्यालय संगठन के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन करेगी.
इसमें स्कूल के विद्यार्थियों और वैज्ञानिको को आपस में जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों को कक्षा में सिखाई गई बातों को योजनाबद्ध अनुसंधान प्रयोगशाला पर आधारित शिक्षण के साथ समुचित रूप से जोड़ा जा सके.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा् मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की उपस्थिति में इस आशय के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 100,000 विद्यार्थियों और लगभग 1000 अध्यापकों को वार्षिक तौर पर लक्षित करते हुए 1151 केन्द्रीय विद्यालयों को सीएसआईआर की 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के साथ जोड़े जाने की संभावना है.
इस संपर्क के मॉडल में निम्नलिखित शामिल हैं:
• विद्यार्थी आवासीय कार्यक्रम,
• वैज्ञानिक, शिक्षकों की भूमिका में और शिक्षक वैज्ञानिकों की भूमिका में,
• प्रयोगशाला से जुड़ी विशेष गतिविधियां/ मौके पर प्रयोग,
• स्कूलों में वैज्ञानिकों के दौरे/पहुंच कार्यक्रम,
• विज्ञान और गणित क्लब,
• स्कूलों में लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखलाएं/प्रदर्शन कार्यक्रम,
• विद्यार्थी प्रशिक्षुता कार्यक्रम,
• विज्ञान प्रदर्शनियां,
• राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के प्रोजेक्ट,
• अध्यापक कार्यशालाएं, और
• टिंकरिंग लैबोरेट्री
‘जिज्ञासा’ सीएसआईआर द्वारा अपने प्लेटिनम जुबली वर्ष समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर की गई महत्वपूर्ण पहलों में से एक है. सीएसआईआर इस कार्यक्रम के साथ अपने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व को व्यापक और विस्तृत बना रही है.
(स्रोत: पीआईबी)
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