बोस्टन विश्वविद्यालय के मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा की गयी खोज के अनुसार प्रोटीन टीकाकरण को और अधिक प्रभावी बना सकता है. शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन के बाद तैयार की गयी वैज्ञानिक रिपोर्ट को अप्रैल 2017 में प्रकाशित गया.
शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया (नीइसेरिया मेनिंगिडिस) के बाहरी हिस्से पर पाए गए प्रोटीन को शुद्ध किया और बेहतर टीकाकरण प्रतिक्रिया हेतु इसका सहायक के रूप में उपयोग किया गया.
आम तौर पर, टीके का कार्य शरीर में या तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने या सीधा कोशिकाओं को संतुलित करने या शरीर में कोई कमी होने पर उसका उपचार करने का कार्य होता हैं, शरीर में होने वाली इस प्रक्रिया को साइटोटोक्सिक टी कहते हैं. जो मानव शरीर को हानि पहुंचाने वाले तत्वों (टोक्सिन) को नष्ट करता है या शारीरिक प्रक्रियाओं द्वारा शरीर के बाहर निकालता है.
साइटोटोक्सिक टी के बारे में -
• साइटोटॉक्सिक ए साइटोटॉक्सिक टी सेल को (TC) टीसी, साइटोटॉक्सिक टी लिम्फोसाइट, सीटीएल, टी-किलर सेल, साइटोलैटिक टी सेल, सीडी 8 + टी-सेल या किलर टी सेल के नाम से भी जाना जाता है.
• यह एक टी लिम्फोसाइट (एक प्रकार का सफेद रक्त कोशिका) है.
• साइटोटॉक्सिक टी सेल मानव शरीर में कैंसर को संक्रमित कोशिकाओं (विशेषकर वायरस के साथ) को नष्ट करता है, या अन्य तरीकों से क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है.
अध्ययन की मुख्य विशेषताएं-
• वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में दो प्रयोगात्मक मॉडल का प्रयोग किया गया.
• पहले मॉडल को प्रतिजन (antigen/एंटीजन) और मिश्रित पोरबी के साथ टीकाकरण दिया गया.
• दूसरे मॉडल को मात्र (antigen) एंटीजन दिया गया.
• जिस मॉडल को पोरबी के साथ एंटीजन वैक्सीन दिया गया उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में मात्र (antigen) एंटीजन दिए जाने वाले मॉडल की अपेक्षा अधिक वृद्धि हुई.
• यह इस तथ्य का प्रमाण है कि लिम्फ नोड्स में सक्रिय कोशिकाओं की संख्या में अधिक वृद्धि हुई और साइटोटेक्सिक टी कोशिकाएं भी अधिक सक्रिय हुई.
पोरबी के बारे में-
• पोरबी शोधकर्ताओं द्वारा एक नया खोजा गया प्रोटीन है.
• यह कैंसर और एचआईवी के खिलाफ मानव शरीर में उसकी रक्षा कर सकता है.
अध्ययन का महत्व-
• इस अध्ययन के व्यापक प्रभाव हैं. इस प्रक्रिया का प्रयोग शरीर में बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए किया जा सकता है.
• इसके अलावा, इस शोध से स्पष्ट होता है कि मानव शरीर की शारीरिक संरचना स्वयं रोगों से लड़ने में सक्षम है साथ ही प्रोटीन के साथ टीकाकरण उसे और अधिक प्रभावी बना सकता आहे.
• इससे शरीर को कैंसर, एचआईवी, और इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
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