बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सितंबर 2020 में तीसरा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है. पोषण माह का उद्देश्य प्रत्येक के लिए पोषण और स्वास्थ सुनिश्चित करने में जन भागीदारी को प्रोत्साहन देना है. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि पोषण माह प्रतिवर्ष पोषण अभियान के तहत मनाया जाता है जो वर्ष 2018 में शुरू किया गया था.
देश में कोविड महामारी की स्थिति को देखते हुए मंत्रालय सभी पक्षों को पोषण माह मनाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को प्रोत्साहित कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले माह तीस तारीख को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ के 68वें संस्करण में पोषण की महत्ता पर जोर दिया था. मंत्रालय, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साझेदार मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर राष्ट्रीय,राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों, जिला और जमीनी स्तर पर पोषण माह मना रहा है.
उद्देश्य
राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission) का उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण और एनीमिया को कम करना है. राष्ट्रीय पोषण मिशन नीति आयोग द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पोषण रणनीति द्वारा समर्थित है. इस रणनीति का उद्देश्य साल 2022 भारत को कुपोषण से मुक्त करना है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य कुपोषण के उन्मूलन से संबंधित सभी मौजूदा योजनाओं एवं कार्यक्रमों को एकजुट कर एक बेहतर और समन्वित मंच प्रदान करना है.
#POSHANMaah2020 की थीम " कुपोषित बच्चों की पहचान व उनकी ट्रैकिंग" और "पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाने" पर केंद्रित होगी। #Local4Poshan#POSHANAbhiyaan pic.twitter.com/LG6KymbYC8
— POSHAN Abhiyaan (@POSHAN_Official) September 7, 2020
भारत में कुपोषण की समस्या
भारत में कुपोषण की समस्या काफी गंभीर है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार भारत के 38 प्रतिशत बच्चों की ऊंचाई कम है, 21 प्रतिशत बच्चों का भार उनकी ऊंचाई के मुकाबले बहुत कम है जबकि 35.7 प्रतिशत बच्चों का वज़न आवश्यकता से कम है.
मुख्य बिंदु
• महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने 27 अगस्त 2020 को एक अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की थी. इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने पोषण माह मनाए जाने के लिए परस्पर समन्वय बनाने पर चर्चा की थी.
• इस बार पोषण माह में गंभीर रूप से कुपोषित (एसएएम) बच्चों और उनके प्रबंधन तथा पोषक तत्वों से भरपूर पौधे लगाने के लिए पोशन वाटिकाएं बनाए जाने, बच्चों को जन्म लेने के शुरुआती एक हजार दिनों के दौरान अच्छे पोषण के रूप में स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने तथा युवा महिलाओं और बच्चों आदि में खून की कमी को दूर करने के उपायों से जुड़ी गतिविधियों पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.
• अभियान से जुड़े सभी मंत्रालयों ने पोषण माह के उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और पोषण को अपने कार्यक्षेत्रों के माध्यम से ध्यान में लाने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों की योजना बनाई है.
• स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को छात्रों के बीच पोषण से जुड़ी ई प्रश्नोत्तरी और मेमे बनाने की प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए कहा है.
• पंचायती राज मंत्रालय ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष समितियों की बैठकें आयोजित करने की योजना बना रहा है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को ‘महात्मा गांधी नरेगा’ के समर्थन से पोषण वाटिकाओं को बढ़ावा देने की सलाह दी है.
• आयुष मंत्रालय ने योग और समग्र पोषण को अपनाकर एक स्वस्थ जीवन शैली के निर्माण में सहयोग देने की पेशकश की है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी पोषण माह के दौरान सभी गतिविधियों के लिए अपनी ओर से हर संभव सहयोग दे रहा है.
जीवन में पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता
जीवन में पोषण के महत्व के बारे में ज्ञान बढ़ाने तथा सूचनाओं का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया, ऑनलाइन गतिविधियों, पॉडकास्ट और ई-संवाद आदि का उपयोग किया जाएगा. मंत्रालय एक वेबिनार श्रृंखला की भी मेजबानी कर रहा है जिसमें विषय के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य पेशेवर महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पोषण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे.
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