टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 17 नवंबर 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से ब्रिक्स सम्मेलन और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
बिहार की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री बनीं रेणु देवी, जानें उनके बारे में सबकुछ
शपथ लेने के साथ ही रेणु देवी बिहार की पहली महिला डिप्टी सीएम बन गयी. पूर्व में बिहार सरकार में मंत्री का पद संभाल चुकीं रेणु देवी इस बार बेतिया से पांचवीं बार बीजेपी विधायक के तौर पर चुनी गईं हैं. 15 नवंबर 2020 को बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में तारकिशोर प्रसाद को नेता और रेणु देवी को उपनेता चुना गया था.
रेणु देवी को महिला उप-मुख्यमंत्री चुने जाने के पीछे उनका बड़ा राजनीतिक अनुभव माना जा रहा है. साल 1977 में मुजफ्फरपुर विवि से इंटर पास रेणु देवी 1988 से ही राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं. रेणु की मां भी संघ परिवार से जुड़ी थीं और उनके ननिवाहल में भी बीजेपी और संघ का प्रभाव रहा.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज फिर आमने-सामने होंगे
ब्रिक्स सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब इसके दो प्रमुख सदस्यों के बीच सीमा विवाद अपने चरम पर है. भारत और चीन के बीच मई से ही पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव जारी है. तनाव का नतीजा यह रहा है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हो गई है. हालांकि, वर्तमान में दोनों ही सेनाएं पीछे हटने के प्रस्ताव पर काम कर रही हैं.
मंत्रालय ने बताया कि इस बार सम्मेलन की थीम 'वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास' रहेगी. बता दें कि ब्रिक्स देशों के संगठन में पांच तेज गति से उभर रही अर्थव्यवस्थाओं वाले देश हैं. इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
नीतीश कुमार ने 7वीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, जानें विस्तार से
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार समेत 15 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, अमित शाह समेत तमाम नेता मौजूद रहे. नीतीश कुमार के साथ बीजेपी के दो नेताओं ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.
नीतीश कुमार सबसे पहले 03 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण मात्र सात दिन बाद ही उनकी सरकार गिर गई थी. वे 24 नवंबर 2005 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. बतौर मुख्यमंत्री उनका ये कार्यकाल 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक चला.
DIPAM ने परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से जुड़ी सलाहकारी सेवाओं हेतु विश्व बैंक के साथ समझौता किया
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार का इरादा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) में हिस्सेदारी बिक्री से 1.20 लाख करोड़ रुपये तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का है.
डीआईपीएएम और विश्व बैंक के बीच हुए समझौते के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बैंक अपनी सलाहकार परियोजना के तहत परिसंपत्ति मुद्रीकरण के लिए अपनी सलाहकार सेवाएं प्रदान करेगा. विश्व बैंक की सलाहकार परियोजना भारत में सार्वजनिक परिसंपत्ति मुद्रीकरण का विश्लेषण करेगी और सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के खिलाफ अपने संस्थागत मॉडल को बेंचमार्क करेगी.
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