तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने 09 फरवरी 2021 को देश के अगले 10 वर्ष के अंतरिक्ष कार्यक्रम की घोषणा की. इसमें चंद्र मिशन, तुर्की के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने एवं अंतरराष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली विकसित करने की महत्वकांक्षी योजना शामिल है.
राष्ट्रपति एर्दोगन की इस घोषणा को तुर्की की क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका बढ़ाने के उनके विचार के रूप में देखा जा रहा है. राष्ट्रपति ने अंतरिक्ष कार्यक्रम की घोषणा टेलीविजन पर अपने संबोधन में की.
राष्ट्रपति एर्दोगन ने बताया कि उनकी योजना साल 2023 में देश के गणराज्य बनने के 100 साल पूरे होने के अवसर पर चांद पर पहुंचने की है. उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में चंद्र मिशन ‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग से होगा’ जबकि दूसरे चरण में तुर्की के रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा.’
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्राथमिक एवं सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य होगा कि देश के गणराज्य बनने के 100वें साल में हम चांद पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि ईश्वर की इच्छा से हम चांद पर जा रहे हैं.
उन्होंने ने अपने देश के लिए एक दस साल के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इसमें मून मिशन, तुर्की के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपग्रह प्रणालियों को विकसित करना शामिल है.
अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना
तुर्की ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए साल 2018 में तुर्की अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की. अंतरिक्ष कार्यक्रम से शोधकर्ताओं को रोजगार मिलेगा. राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस बात कि जानकारी नहीं दी है कि अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर तुर्की अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना कैसे बना रहा है.
चंद्रमा के साथ पहला संपर्क
राष्ट्रपति एर्दोगन ने 09 फरवरी 2021 को कहा कि तुर्की का लक्ष्य साल 2023 में अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिए चंद्रमा के साथ पहला संपर्क स्थापित करना है. उन्होंने तुर्की के दो चरणों वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर कहा कि चंद्रमा के सतह पर पहली बार लैंडिंग हमारे राष्ट्रीय और प्रामाणिक हाइब्रिड रॉकेट के जरिए की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम इस मिशन को साल 2023 के अंत में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से लॉन्च करेंगे.
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