संयुक्त अरब अमीरात में बराक परमाणु ऊर्जा संयंत्र ने 06 अप्रैल, 2021 को अपना वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर दिया है. इस बारे में खाड़ी अरब राज्य के नेताओं ने अपने ट्विटर पर जानकारी दी है.
अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान ने देश के लिए इस कार्यक्रम को ’ऐतिहासिक’ मील का पत्थर मनाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है, जो अपने गठन की 50वीं वर्षगांठ भी मना रहा है.
بفضل الله، تتواصل إنجازاتنا في الوقت الذي نحتفي فيه بالعام الخمسين..اليوم تبدأ أولى محطات براكة للطاقة النووية السلمية التشغيل التجاري .. إنجاز عربي تاريخي، نثمن دور شباب الوطن الذين يقودون مستقبل الإمارات في القطاعات الحيوية.
— محمد بن زايد (@MohamedBinZayed) April 6, 2021
बाराकाह परमाणु संयंत्र के बारे में
• संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी, अबू धाबी के अल ढफरा क्षेत्र में स्थित बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र, संयुक्त अरब अमीरात का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र है.
• यह तेल उत्पादन संयुक्त अरब अमीरात का एक हिस्सा है जो अपने ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने का प्रयास कर रहा है.
• इस प्लांट की यूनिट 1 को परिचालन के अपेक्षित स्टार्टअप वर्ष से तीन साल की देरी के बाद वर्ष, 2020 में परमाणु नियामक से परिचालन लाइसेंस प्राप्त हुआ.
• अगस्त, 2020 में यूनिट 1 ने राष्ट्रीय पावर ग्रिड में शामिल हुआ था और दिसंबर, 2020 में हुए परीक्षण के दौरान यह रिएक्टर अपनी पावर क्षमता का 100% तक पहुंच गया था.
• बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण अमीरात परमाणु ऊर्जा निगम (ENEC) और कोरिया इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (KEPCO) द्वारा किया जा रहा है.
• इस परमाणु संयंत्र के पूरा होने पर, इसमें कुल क्षमता के 5.600 मेगावाट (MW) के साथ चार रिएक्टर होंगे जो संयुक्त अरब अमीरात की मांग का लगभग 25% पूरा करते हैं और हर साल 21 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने में सक्षम होंगे.
संयुक्त अरब अमीरात परमाणु ऊर्जा योजना
• यूएई वर्ष, 1971 में अस्तित्व में आया था, जिसमें दुबई और अबू धाबी सहित सात अमीरात देश शामिल थे.
• यूएई वर्ष, 1967 में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) में शामिल हुआ था.
• संयुक्त अरब अमीरात की ऊर्जा रणनीति वर्ष, 2050 के प्रमुख घटक के तौर पर, यह देश अपने ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने के लिए एक शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का अनुसरण कर रहा है.
• संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका ने एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा सहयोग के लिए '123 समझौता' के नाम से जाना जाता है.
• इस ‘123 समझौते’ ने संयुक्त अरब अमीरात में बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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