अब आपका Aadhaar हुआ और सिक्योर, UIDAI ने लांच की AI-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण सुविधा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 'आधार' को और सिक्योर करते हुए एक नई तकनीक को लांच किया है. इसकी मदद से फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और स्पूफिंग प्रयासों को तेजी से जांचा जा सकता है.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 'आधार' को और सिक्योर करते हुए एक नई तकनीक को लांच किया है. इसकी मदद से फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और स्पूफिंग प्रयासों को तेजी से जांचा जा सकता है जो किसी भी आधार यूजर के डेटा को सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगा.
.@UIDAI rolls out new security mechanism for robust fingerprint based #Aadhaar authentication
— DD News (@DDNewslive) February 27, 2023
The move will be of immense use in segments including banking and financials, telecom and government sectors pic.twitter.com/2J2JD3IiId
क्या है यह नई टेक्नोलॉजी?
यह नई टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI/ML) आधारित है. इसकी मदद से अब यूजर के फिंगरप्रिंट कैप्चर के समय फिंगर की सजीवता की जांच के लिए "फिंगर मिन्यूशिया (Finger minutia) और फिंगर इमेज (Finger image) दोनों के संयोजन" का उपयोग किया जायेगा.
यूआईडीएआई के अनुसार, यह नया टू-फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन फिंगरप्रिंट की जीवन्तता (लाइवनेस) की जाँच के लिए ऐड-ऑन चेक जोड़ा गया है, जिसकी मदद से स्पूफिंग प्रयासों की संभावना को और कम किया जा सकता है. इस नई तकनीक में निश्चित तौर पर आधार की सुरक्षा को और पुख्ता कर दिया है.
इसकी AI-आधारित टेक्नोलॉजी ने आधार के वेरिफिकेशन को और सुरक्षित कर दिया है. इसकी मदद से बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार और सरकारी क्षेत्रों सहित अन्य आधार वेरिफिकेशन सर्विसेज को सुरक्षित बनाया जा सकता है.
एक्टिव हो चुकी है यह नई टेक्नोलॉजी:
फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की यह सुविधा पूरी तरह से शुरू हो गयी है. यूआईडीएआई ने इसके सम्बन्ध में अपने भागीदारों और उपयोगकर्ता एजेंसियों से चर्चा की जिसके बाद इस नई टेक्नोलॉजी का रोलआउट और माइग्रेशन पूरा किया जा सका.
प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (AUAs) के साथ यूआईडीएआई ने लगातार समन्यव बनाये रखा ताकि नई टेक्नोलॉजी के उपयोग में किसी प्रकार की कोई समस्या ना उत्पन्न हो.
प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियां प्रमाणीकरण का उपयोग करके 12-अंकीय ID धारकों को आधार आधारित सुविधा प्रदान करती है.
भारत में आधार बेस्ड ट्रांजैक्शन:
एक आकड़ें के अनुसार, दिसंबर 2022 के अंत तक, आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की संख्या 88.29 बिलियन को भी पार कर गई है और औसतन प्रति दिन 70 मिलियन का लेनदेन किया जा रहा था. जिनमें अधिकांश फिंगरप्रिंट-आधारित प्रमाणीकरण लेनदेन था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज के समय में आधार का उपयोग और आधार की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है.
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