प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत और राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, संयुक्त अरब अमीरात के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन को अपनी मंजूरी दी है.
08 नवंबर, 2019 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में यूएई के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान, भारत और संयुक्त अरब अमीरात में संबंधित संस्थानों द्वारा की जाने वाली सभी वैज्ञानिक गतिविधियों पर चर्चा की गई थी. इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अनुसंधान के कई सामान्य क्षेत्रों की खोज की थी.
उद्देश्य
यूएई और भारत के बीच यह समझौता ज्ञापन भूकंपीय, मौसम संबंधी और महासागरीय सेवाओं जैसे उपग्रह, रडार, भूकंपीय, ज्वार गेज, और मौसम विज्ञान स्टेशनों के लिए डाटा, ज्ञान और परिचालन उत्पादों के साझाकरण के लिए सुविधा प्रदान करेगा.
भारत और यूएई के बीच संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौता
• दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर अनुसंधान विद्वानों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के संदर्भ में यात्राओं/ अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेंगे.
• सामान्य हित गतिविधियों से संबंधित तकनीकी और वैज्ञानिक जानकारी का आदान-प्रदान होगा.
• इस समझौते के माध्यम से, द्विपक्षीय तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यशालाओं/ संगोष्ठियों/ सम्मेलनों के साथ-साथ सहयोग के क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और महासागर जल पर हस्ताक्षर किए गए आपसी समझौते पर मौसम संबंधी अवलोकन नेटवर्क की तैनाती भी शामिल होगी.
• अरब और ओमान सागर के माध्यम से फैलने वाली सुनामी के अधिक विश्वसनीय और तेज पूर्वानुमान के लिए सुनामी मॉडल शोधकर्ताओं की विशेष क्षमताओं के विकास में भी सहयोग होगा. यह सुनामी यूएई के पूर्वोत्तर भाग और भारत के तटीय क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित करती है.
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