महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 18 मई 2016 को टिप्पणियों और परामर्श हेतु राष्ट्रीय महिला नीति, 2016 का मसौदा जारी किया. पन्द्रह वर्षों बाद इस नीति की समीक्षा की जा रही है.
पिछली नीति 2001 के बाद आए बदलाव, खासतौर से महिलाओं की अपने प्रति जागरूकता और जीवन से उनकी आकांक्षाएं उसमें शामिल हो गईं हैं, इसी को ध्यान में रखकर नया मसौदा तैयार किया गया है.
नीति का लक्ष्य-
- इस नीति का लक्ष्य महिलाओं का राजनीतिक सशक्तिकरण और उनके लिए सामाजिक-आर्थिक वातावरण तैयार करना है. जिससे वे अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकें और संशाधनों पर उनका नियंत्रण हो.
- लैंगिक समानता तथा न्याय के सिद्धांतों को स्थापित किया जा सके.
- नीति का लक्ष्य है कि महिलाओं के लिए एक ऐेसा सकारात्मक सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक माहौल तैयार हो सके जिसमें महिलाएं अपने मूल अधिकारों को प्राप्त कर सकें.
प्राथमिकताएं-
- खाद्य सुरक्षा एवं पोषण सहित स्वास्थ्य – महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर फोकस महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को हल किया जाएगा.
- परिवार नियोजन योजनाओं के दायरे में पुरुषों को भी रखा गया है. किशोरावस्था के दौरान पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य बीमा योजना इत्यादि को शामिल किया गया है.
- आर्थिक उपाय – महिलाओं के प्रशिक्षण और कौशल विकास हेतु व्यवस्था की जाएगी.
- व्यापार समझौतों और भूस्वामित्व के डेटा बेस को महिलाओं के अनुकूल बनाना, श्रम कानूनों और नीतियों की समीक्षा करना.
- मातृत्व और बच्चों की देखभाल संबंधी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उचित लाभ प्रदान करना.
- समान रोजगार अवसर प्रदान करना तथा महिलाओं की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है.
- महिलाओं के खिलाफ हिंसा – नियमों और कानूनों के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकना, प्रभावी नियम बनाना और उनकी समीक्षा करना.
- बाल लिंग अनुपात को सुधारना, दिशा निर्देशों इत्यादि को कड़ाई से लागू करना, मानव तस्करी को रोकना शामिल हैं.
- इस नीति के तहत महिलाओं के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना, संविधान के प्रावधानों के तहत व्यक्तिगत और पारंपरिक नियमों की समीक्षा भी करने का प्रावधान है.
- वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में रखने की भी समीक्षा की जाएगी ताकि महिलाओं के मानवाधिकारों की सुरक्षा हो सके.
परिचालन रणनीतियां : इसमें निम्न बिंदु शामिल हैं-
- महिलाओं की सुरक्षा- वन स्टॉप केंद्रों, महिला हेल्पलाइन, महिला पुलिस स्वयं सेवक, पुलिस बलों में महिलाओं के लिए आरक्षण, मोबाइल फोन में पैनिक बटन के जरिए महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना, यातायात और आम स्थानों पर निगरानी प्रणाली स्थापित करना.
- महिलाओं में उद्यमशीलता के संवर्धन के लिए ईको-प्रणाली बनाना – महिला ई-हाट, समर्पित विषय वस्तु आधारित प्रदर्शनियों के जरिए महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, महिला उद्यमशीलता के जरिए महिलाओं को सलाह देना तथा आसान और सस्ता ऋण उपलब्ध कराना.
- कार्यस्थलों में महिलाओं को सुविधा – कार्यस्थलों को महिलाओं के अनुकूल बनाने, कार्यअवधि को लचीला बनाने, मातृत्व अवकाश को बढ़ाने, कार्यस्थलों में बच्चों के लिए क्रेच का प्रावधान करने के जरिए महिलाओं को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
उक्त दस्तावेज मंत्रालय की वेबसाइट http://wcd.nic.in/acts/draft-national-policy-women-2016 पर भी उपलब्ध है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation