केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 जुलाई 2017 को कोलकाता में रक्ताधान (ट्रांसफ्यूजन) चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने में पश्चिम बंगाल सरकार को सहयोग देने हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस कदम का उद्देश्य राज्य और आसपास के क्षेत्रों में रक्ताधान सेवाओं को सुदृढ़ करना है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए उपकरण, कर्मचारियों और संचालन लागत के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है.
• पश्चिम बंगाल सरकार इस पहल के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध करवाएगी.
• महानगर रक्त बैंक परियोजना की परिकल्पना चार महानगरों - दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता में उत्कृष्ट रक्ताधान चिकित्सा केंद्र स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की योजना के रूप मे की गई थी.
• ये बड़ी मात्रा में रक्त एकत्रित करने के केंद्र हैं जहां रक्ताधान चिकित्सा के लिए खून के अवयवों को अलग-अलग करने और गुणवत्तापरक प्रणालियों के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है.
• इन केंद्रो पर एकत्रित रक्त की जांच एनएटी द्वारा करने की सुविधा होगी और राज्य के अन्य ब्लड बैंकों को भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
• देश में प्रति वर्ष लगभग 11 मिलियन ब्लड यूनिट एकत्रित किया जाता है. इसमे से लगभग 71 प्रतिशत रक्तदान स्वैच्छिक गैर-पारिश्रमिक दाताओं के माध्यम से एकत्रित किया जाता है.
• स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने पहले चरण के लिए मंजूरी दे दी है, जिसमें चेन्नई और कोलकाता में इस प्रकार के सुविधा केंद्र स्थापित किए जायेंगे.
• इस परियोजना के लिए मंत्रालय का कार्यान्वय प्रभाग राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अंतर्गत राष्ट्रीय रक्ताधान परिषद होगा.
• चेन्नई में मेट्रो ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए 14 जून 2016 को एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे.
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