असुरक्षित लक्ष्यों के खिलाफ आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को इस संकट से निपटने में मदद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-रोधी कार्यालय - UNOCT ने कई अन्य एजेंसियों के साथ साझेदारी करके, एक वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया है.
संयुक्त राष्ट्र के अंडरसेक्रेटरी-जनरल के अनुसार, व्लादिमीर वोरोन्कोवोव, जो संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद-रोधी कार्यालय के प्रमुख हैं, दुनिया भर में आतंकवादियों ने कायरता से बार-बार सार्वजनिक स्थानों को निशाना बनाया है और अराजकता और भय पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों की हत्यायें भी की गई हैं.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र अलायन्स ऑफ़ सिविलाइज़ेशन्ज़ और संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राज्यीय अपराध और न्याय अनुसंधान संस्थान के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है. यह इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय के परामर्श से भी संचालित हो रहा है.
Join us live for the launch of the Global Programme on Countering Terrorist Threats against #VulnerableTargets developed in partnership with @UNAOC @UN_CTED @UNICRI. Funded by Qatar 🇶🇦
— United Nations Office of Counter-Terrorism (@UN_OCT) January 19, 2021
🗓 9am-12pm ET (19 Jan)
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यह वैश्विक कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों की मदद कैसे करेगा?
• संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम कमजोर लक्ष्यों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की प्रतिक्रिया, मुकाबला करने, सुरक्षित करने और ऐसे हमले रोकने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण के विकास के लिए सदस्य राष्ट्रों को विशेष सहायता प्रदान करेगा.
• ऐसे सहयोगात्मक दृष्टिकोणों को लागू करने के लिए, यह लाभकारी सदस्य राज्यों को रूपरेखा, राष्ट्रीय कार्य योजनाओं और संचालन प्रक्रियाओं के विकास में सहायता करेगा.
• सदस्य देशों की जोखिम प्रबंधन क्षमता बढ़ाने के लिए यह कार्यक्रम निगरानी सेवायें प्रदान करेगा, सदस्य देशों को उनके अनुरूप संचालन प्रशिक्षण देगा और इसके साथ ही जरूरी परामर्श सेवायें भी प्रदान करेगा.
• संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम अच्छी प्रथाओं को अपनायेगा और प्रसारित भी करेगा.
संयुक्त राष्ट्र का आतंकवाद विरोधी एजेंडा
संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया यह वैश्विक कार्यक्रम भी इसके आतंकवाद-रोधी एजेंडा के मूल उद्देश्य को दर्शाता है, जिसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि नागरिकों को बिना किसी भय के और सुरक्षित रूप से अपने दैनिक-जीवन में अपने सामाजिक-आर्थिक अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का उपयोग करना चाहिए.
इस कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए आयोजित किये गये एक आभासी समारोह के दौरान, वोरोन्कोव ने यह भी उल्लेख किया कि, वर्ष, 2011 के बाद से शहरी केंद्रों में आतंकवादी हत्याएं तेजी से बढ़ी हैं.
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