संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 16 मई, 2021 को इजरायल-फिलिस्तीन की स्थिति पर एक बैठक आयोजित की. इस बैठक की अध्यक्षता चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इस बैठक के एजेंडे में लगभग दो दर्जन वक्ताओं में से पहले थे. उन्होंने उक्त दोनों पक्षों के बीच शत्रुता को 'बेहद भयावह' बताया और कहा कि, यह लड़ाई तुरंत बंद होनी चाहिए. यह इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर UNSC की पहली सार्वजनिक बैठक थी.
इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष
• इजरायलियों और फिलीस्तीनियों के बीच यह शत्रुता इतने उच्च स्तर तक बढ़ गई है जोकि वर्ष, 2014 के युद्ध के बाद से ऐसा नहीं देखा गया था.
• संयुक्त राष्ट्र को अपने राजनयिक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए मजबूर किया गया था और UNSC ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर इस संघर्ष पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की और इसके साथ ही यह संघर्ष अपने सातवें दिन में पहुंच गया.
• गाजा में इजरायल और हमास के हवाई हमलों से कई महिलाओं और बच्चों सहित दर्जनों लोग मारे गए हैं. इन हवाई हमलों में कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं और बचे हुए लोगों की तलाश के लिए कामगारों की तलाश अभी भी जारी है.
चीन के समाधान
चीन मई महीने के लिए UNSC की घूर्णन/ रोटेशन अध्यक्षता कर रहा है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने बयान में यह कहा है कि, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बढ़ते संघर्ष में महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं और स्थिति बेहद गंभीर और कष्टप्रद है.
चीन ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच मौजूदा तनाव की प्रतिक्रिया के तौर पर निम्नलिखित की वकालत की:
- युद्धविराम है मौजूदा प्राथमिकता: चीन ने संघर्ष के लिए दोनों पक्षों से रॉकेट लॉन्च, हवाई हमले और जमीनी हमले सहित सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोकने का आह्वान किया है.
- मानवीय सहायता की है तत्काल आवश्यकता: चीन ने इजरायल से अपने अंतर्राष्ट्रीय संधि दायित्वों को ईमानदारी से पूरा करने और गाजा की नाकाबंदी और घेराबंदी को जल्द से जल्द उठाने का आग्रह किया. चीन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी फिलिस्तीन को मानवीय आधार पर हरेक संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है.
- अंतर्राष्ट्रीय समर्थन है दायित्व: चीन ने आग्रह किया है कि, UNSC को इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष पर प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए.
- दो-राज्य समाधान ही है अंतिम रास्ता: चीन ने यह उल्लिखित किया है कि, इस फिलीस्तीनी मुद्दे से बाहर निकलने का अंतिम तरीका दो-राज्य समाधान के कार्यान्वयन में निहित है. चीन ने फिलिस्तीन और इजराइल के बीच शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए अपना समर्थन दिया.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत, लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने यह कहा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायल और फिलिस्तीनी नेताओं के साथ बात की थी, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इस क्षेत्र में अपने समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे थे.
अन्य देशों का रवैया
UNSC के सभी 15 सदस्य देशों के दूतों ने हालांकि तत्काल डी-एस्केलेशन/ युद्ध विराम का आग्रह किया है, तो भी इस बात का कोई संकेत नहीं है कि, संयुक्त राष्ट्र परिषद इस स्थिति को हल करने के लिए आगे क्या कदम उठाएगी.
नवीनतम इजरायल-फिलिस्तीनी संकट किस कारण उत्पन्न हुआ?
इस संघर्ष के दो मुख्य कारण थे:
- इस्राइल द्वारा शेख जर्राह के पूर्वी यरुशलम में कई फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल करने के प्रयासों के बाद विरोध शुरू हुआ. इजराइल की सुप्रीम कोर्ट ने इस बेदखली पर रोक लगा दी थी.
- इस्लामिक पवित्र महीने रमजान के दौरान फिलिस्तीनियों पर प्रतिबंध भी लगाए गए थे.
अल अक्सा मस्जिद में क्या हुआ था?
• इजरायल पुलिस ने पहले अल-अक्सा मस्जिद के आसपास के इलाके में धावा बोल दिया था, जो इस्लाम और यहूदी धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है.
• इजरायली पुलिस ने यह कहा है कि, वे इजरायली अरबों के द्वारा बाद के दंगों में इस्तेमाल करने के लिए पत्थर इकट्ठा करने का जवाब दे रहे थे, जबकि फिलिस्तीनियों के अनुसार, इजराइली पुलिस के परिसर में प्रवेश करने और आंसू गैस, अचेत करने वाले ग्रेनेड और रबर की गोलियां चलाने के बाद ही यह लड़ाई शुरू हुई थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation