अमेरिकी संसद ने हाल ही में ग्रीन कार्ड से संबंधित एक विधेयक पारित किया. यह विधेयक मौजूदा सात प्रतिशत की सीमा को हटाने के उद्देश्य से पारित किया गया है. इस विधेयक को पारित होने से भारत के हजारों उच्च कुशल आईटी पेशेवरों को लाभ मिलेगा.
यह विधेयक अमेरिका की प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित भारत जैसे उन देशों के प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए दुखदायी समय को कम करेगा जो अमेरिका में स्थायी रूप से काम करने और रहने की अनुमति चाहते हैं.
ग्रीन कार्ड ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है. एच-1बी वीजा पर यहां आने वाले भारतीय आइटी पेशेवरों को ग्रीन कार्ड पर लगी सीमा के वजह से सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है. भारतीय पेशेवरों इस सीमा के कारण को ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल तक इंतजार करना पड़ जाता है. यह इंतजार कुछ मामलों में 50 साल से भी ज्यादा का हो जाता है. |
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मुख्य बिंदु:
• यह विधेयक देशों के लिए अधिकतम सीमा निर्धारित करने वाला प्रावधान हटाने के लिए लाया गया है. यह विधेयक 435 सदस्यीय सदन में 65 के मुकाबले 365 मतों से पास हो गया.
• अमेरिका द्वारा मौजूदा व्यवस्था के अनुसार एक साल में परिवार आधारित प्रवासी वीजा दिए जाने की संख्या को सीमित कर दिया गया.
• अभी तक की व्यवस्था के अनुसार, किसी देश को ऐसे वीजा केवल सात प्रतिशत तक दिए जा सकते हैं. इस सीमा को नए विधेयक में सात प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है.
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• इसमें इसी तरह प्रत्येक देश को रोजगार आधारित प्रवासी वीजा केवल सात प्रतिशत दिए जाने की सीमा को भी खत्म कर दिया गया है.
इस विधेयक को सबसे पहले सीनेट से मंजूरी लेनी होगी. फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर से यह कानून का रूप लेगा. इससे अमेरिका में रहने वाले तीन लाख से ज्यादा भारतीय नागरिकों को सबसे ज्यादा लाभ होगा.
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