अमेरिका ने भारत को सशस्त्र ड्रोन बेचने की मंजूरी दी, जानिए इसकी खासियत

इसका मुख्य उद्देश्य भारत की सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के हित में सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाना है.

Jun 10, 2019, 12:51 IST
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अमेरिका ने भारत को सशस्त्र ड्रोन्स बेचे जाने को मंजूरी दे दी है. इसके साथ मिसाइल रक्षा प्रणाली को देने की पेशकश की है. इस ड्रोन के आने से भारत की सामरिक शक्ति बढ़ेगी.

इससे सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. अमरीका से यह अनुमति भारत की सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर दी गई है.

उद्देश्य:

इसका मुख्य उद्देश्य भारत की सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के हित में सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाना है.

यह प्रस्ताव पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद किया गया है. 14 फरवरी के पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद करीब 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे. इसके बाद से भारत की सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया. इसके अलावा भारत-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते सैन्यीकरण भी चिंता का विषय है.

भारत दुनिया का तीसरा देश

भारत दुनिया का तीसरा और पहला गैर नाटो देश है जिसे अमेरिका का ये खास ड्रोन मिलेगा. इस खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लगभग एक साल से बातचीत चल रही थी.

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत भी भारत के लिए चिंता का विषय रही है. इसके साथ ही भारत एशिया में संतुलन शक्ति स्थापित करने में भी अमेरिका के लिए मददगार साबित हो सकेगा. ट्रंप सरकार अपनी सबसे बेहतर सैन्य तकनीक को भारत को ऑफर करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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अमेरिका द्वारा प्रतिबंध:

अमेरिका ने चीन द्वारा रूसी एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद करने पर अपने काट्सा एक्ट के द्वारा प्रतिबंध लगा दिया था. जबकि तुर्की को भी इसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद के कारण अमेरिकी एफ-35 फाइटर जेट अब नहीं मिलेगा. हाल में ही भारत ने अमेरिका से कई रक्षा समझौते किए हैं जिसमें अपाचे, चिनूक और एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर, पी-8 आर समुद्री निगरानी विमान, एम 777 हॉवित्जर गन शामिल हैं. दोनों देशों की सेनाएं कई सैन्य युद्धाभ्यास साथ में कर रही हैं.

पृष्ठभूमि:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जून 2017 की बैठक के दौरान अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन बेचने पर सहमति व्यक्त की थी. भारत पहला गैर-संधि साझेदार है, जिसे एमटीसीआर श्रेणी -1 मानव रहित हवाई प्रणाली सी गार्डियन यूएएस की पेशकश की गई थी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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