अमेरिकी संघीय जज ने देश में मध्यरात्रि से चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक पर बैन लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले को स्थगित कर दिया है. ट्रंप ने हाल ही में ऐप को सुरक्षा के लिहाज से टिक टॉक को ऐप स्टोर पर बैन करने का आदेश दिया था. इसमें ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया था कि 27 सितम्बर 2020 के बाद एप्पल और गूगल प्ले स्टोर से टिकटॉक को डाउनलोड नहीं किया जा सकेगा.
इस प्रतिबंध के प्रभावी होने के कुछ ही घंटे पहले वाशिंगटन के एक डिस्ट्रिक्ट जज ने टिकटॉक की मालिक कंपनी बाइटडांस के अनुरोध पर अस्थायी रोक का आदेश जारी किया. न्यायाधीश ने आदेश जारी करने की कोई वजह नहीं बताई है मगर कहा कि वो इस मसले पर बाद में फ़ैसला देंगे.
यह आदेश जज निकोलस ने 27 सितम्बर 2020 को आपातकालीन सुनवाई के बाद दिया. इससे पहले सुनवाई के दौरान टिकटॉक के वकीलों ने दलील दी थी कि ट्रंप प्रशासन के टिकटॉक को बैन करने के इस फैसले से संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा और इससे बिजनस भी प्रभावित होगा. जज ने अपने फैसले के पीछे के कारणों को सार्वजनिक रूप से नहीं बताया.
ट्रंप ने टिक टॉक बैन के आदेश दिए थे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के हवाला देते हुए दोनों टिक टॉक को बैन करने का फैसला किया था. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि इन ऐप्स के जरिए यूजर से बड़ी तादाद में जानकारी ली जा रही है और ये जोखिम वास्तविक हैं. इस डेटा को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से एक्सेस किया जा सकता है.
चीन की ओर से क्या कहा गया?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बैन वाले आदेश के बाद चीन की ओर से कहा गया है कि फेडरल जज ने पॉपुलर वीडियो-शेयरिंग ऐप टिक टॉक के डाउनलोड पर अमेरिकी सरकार के बैन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है. लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि चीन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने हेतु अमेरिका के अधिग्रहण को रोकने के लिए आगे की कार्रवाई करेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐप्स को क्यों बैन किया था?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि इन ऐप्स के जरिए यूजर से बड़ी तादाद में जानकारी ली जा रही है और ये जोखिम वास्तविक हैं. इस डेटा को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से एक्सेस किया जा सकता है. अमेरिका में टिक-टॉक के लगभग करीब दस करोड़ यूजर हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation