West Nile fever क्या है, जानिए इस संक्रमण के लक्षण और इलाज

May 31, 2022, 19:20 IST

West Nile fever: बता दें केरल में 47 साल के एक व्यक्ति की वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever) से मौत हो गई है. राज्य सरकार ने वेस्ट नाइल फीवर को लेकर दिशा निर्देश (guidance) जारी की है.

west nile fever
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West Nile fever: टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) के बाद अब केरल में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) फैलने लगा है. बता दें केरल में 47 साल के एक व्यक्ति की वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever) से मौत हो गई है. राज्य सरकार ने वेस्ट नाइल फीवर को लेकर दिशा निर्देश (guidance) जारी करते हुए लोगों को सावधान रहने को कहा है.

बता दें इस वायरस से केरल में तीन वर्ष बाद कोई मौत हुई है. इससे पहले साल 2019 में एक 6 साल के बच्चे की मौत भी इसी फीवर से हुई थी. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस मामले पर साफ किया है कि चिंता की कोई बात नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जिलों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है.

West Nile fever क्या है?

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वेस्ट नाइल बुखार (West Nile fever) क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. यह पहली बार साल 1937 में युगांडा में पाया गया था. इस बुखार का मामला केरल में पहली बार साल 2011 में सामने आया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 50 साल में कई देशों में इस वायरस से इंसानों के संक्रमित होने के केस सामने आ चुके हैं.

इंसानों में कैसे फैलता है यह वायरस

इस वायरस के इंसान में फैलने का कारण मच्छरों को माना जाता है. ये वायरस ज्यादातर पक्षियों में फैलता है. पक्षियों से होते हुए ये वायरस मच्छरों तक तथा मच्छरों से इंसानों में आता है.

बता दें मच्छर जब किसी संक्रमित पक्षी को काटते हैं तो ये वायरस उनमें आ जाता है तथा जब यही संक्रमित मच्छर इंसानों को काटते हैं तो इससे इंसान संक्रमित हो जाते हैं. हालांकि, कई बार दूसरे जानवरों से भी इंसानों में संक्रमण फैलने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है.

इस बीमारी के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस वायरस की चपेट में आने वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. हालांकि 20 प्रतिशत संक्रमित वेस्ट नाइल फीवर के शिकार हो जाते हैं. वेस्ट नाइल फीवर होने पर सिरदर्द, थकान, बुखार, उल्टी और कभी-कभी त्वचा पर लाल चिकत्ते पड़ जाते हैं. गंभीर बीमारी होने पर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, तेज बुखार, कंपकंपी, मांसपेशियों में कमजोरी, ऐंठन और पैरालिसिस हो सकता है.

इसका इलाज क्या है और कैसे बचें इस बीमारी से?

इस वायरस से अभी इंसानों के लिए बचने की कोई वैक्सीन नहीं है. बुखार होने पर तथा वायरस की पुष्टि होने के बाद इसका इलाज किया जा सकता है.

इस वायरस से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि अपने आसपास साफ-सफाई रखें तथा मच्छरों को पनपने न दें. इस वायरस से बचने के लिए सबसे आसान तरीका अपने आसपास साफ-सफाई रखे और मच्छरों को पनपने ही नहीं दें.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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