रूस ने दी वेस्ट नाइल वायरस के मामलों में वृद्धि की चेतावनी: जानिए इसके लक्षण, इलाज और  उत्पत्ति के बारे में

Aug 31, 2021, 16:52 IST

वेस्ट नाइल वायरस, जोकि मूल रूप से अफ्रीका का वायरस है, अब एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैल गया है. यह WNV मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है और इससे मनुष्यों में घातक तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं.

What is West Nile Virus? Russia warns of increase in cases; know symptoms, treatment, origin of WNV
What is West Nile Virus? Russia warns of increase in cases; know symptoms, treatment, origin of WNV

30 अगस्त, 2021 को रूस ने इस शरद ऋतु में वेस्ट नाइल वायरस (WNV) के संक्रमण में संभावित वृद्धि की चेतावनी दी है, क्योंकि हल्के तापमान और भारी वर्षा इसे फ़ैलाने वाले मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करेगी.

वेस्ट नाइल वायरस, जोकि मूल रूप से अफ्रीका का वायरस है, अब एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैल गया है. यह WNV मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है और इससे मनुष्यों में घातक तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं.

रूस में इस वेस्ट नाइल फीवर के 80% से अधिक मामले इसके दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मनुष्यों के लिए इस वायरस के खिलाफ कोई टीका उपलब्ध नहीं है, हालांकि घोड़ों के लिए इस वायरस के खिलाफ़ एक टीका मौजूद है.

यह वेस्ट नाइल वायरस क्या है?

यह वेस्ट नाइल वायरस एक संक्रामक रोग है जो संक्रामक मच्छरों द्वारा फैलता है. यह रोग एक संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से पक्षियों में और फिर, मनुष्यों में फैलता है और यह मनुष्यों में घातक तंत्रिका संबंधी रोग भी पैदा कर सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह वायरस लगभग 20% मामलों में वेस्ट नाइल फीवर का कारण बनता है. यह वायरस डेंगू, जीका और पीले बुखार के वायरसों से संबंधित है.

वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण

वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते या फिर, हल्के लक्षण होते हैं. इस रोग के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, शरीर में दर्द और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां शामिल हैं.

इस वायरस के लक्षण कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकते हैं और आमतौर पर, ये लक्षण  अपने आप समाप्त हो जाते हैं.

वेस्ट नाइल वायरस: इसकी उत्पत्ति कहां से हुई?

WHO के अनुसार, इस वायरस को पहली बार वर्ष, 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पहचाना गया था. WNV की पहचान वर्ष, 1953 में नील डेल्टा क्षेत्र में पक्षियों (कौवे और कोलंबिफॉर्मिस/ कबूतर) में की गई थी.

वेस्ट नाइल वायरस के कारण होने वाला मानव संक्रमण कई देशों में 50 से अधिक वर्ष पहले सूचित किया गया था.

वेस्ट नाइल वायरस कब खतरनाक हो सकता है?

वेस्ट नाइल वायरस मस्तिष्क में प्रवेश करने पर काफी खतरनाक और जानलेवा हो सकता है. यह रोग मस्तिष्क की सूजन का कारण भी बन सकता है, जिसे एन्सेफलाइटिस कहा जाता है या फिर, ऊतक की सूजन के तौर पर, जो रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को घेर लेती है और जिसे मेनिन्जाइटिस कहा जाता है.

इस वायरस के जोखिम में कौन लोग शामिल हैं?

बच्चों, वृद्ध लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को इस रोग का खतरा अधिक होता है.

वेस्ट नाइल वायरस उपचार

अभी तक मनुष्यों के लिए इस वेस्ट नाइल रोग के प्रति कोई विशिष्ट उपचार या टीके नहीं हैं. इन मच्छरों के काटने से बचाव ही, इस वायरस संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है.

इस रोग का उपचार न्यूरो-इनवेसिव वेस्ट नाइल वायरस वाले रोगियों के लिए सहायक है जिसमें अक्सर अंतःशिरा तरल पदार्थ, अस्पताल में भर्ती होना, माध्यमिक संक्रमण की रोकथाम और श्वसन सहायता शामिल होती है.

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