SPG security: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं. सुप्रीम कोर्ट केंद्र ने कहा कि सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे. पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह पीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर है. कोर्ट पीएम की सुरक्षा पर अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को करेगा. कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखें जाएंगे. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि पीएम की सुरक्षा में लापरवाही दुर्लभतम मामला की श्रेणी में आता है.
न्यायिक जांच की मांग
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर सुप्रीम कोर्ट में 07 जनवरी 2022 को सुनवाई हुई. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की तरफ से दायर इस अर्जी में पीएम की सुरक्षा में खामी का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी के पास होती है. एसपीजी एक्ट में संशोधन के बाद इस एजेंसी के पास केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है. ये कमांडो बल प्रधानमंत्री को निकटतम सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है. इसका मतलब है कि पीएम के चारों तरफ तत्काल घेरा एसपीजी कर्मियों का होता है.
एएसएल या उन्नत सुरक्षा संपर्क भी एसपीजी द्वारा किया जाता है. इसका मतलब यह है कि प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के हर मिनट का दस्तावेजीकरण और निगरानी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा किया जाता है. प्रधानमंत्री के किसी राज्य के दौरे के दौरान, स्थानीय पुलिस इस मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम का संचालन करती है, लेकिन इसकी निगरानी एसपीजी अधिकारी करते हैं. एएसएल में कार्यक्रम स्थल और पीएम द्वारा लिए जाने वाले मार्ग को भी साफ करना शामिल है.
हालांकि निकटवर्ती सुरक्षा एसपीजी की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर प्रधानमंत्री यात्रा करते हैं तो परिधि को राज्य पुलिस द्वारा सुरक्षित किया जाता है. इसका मतलब यह है कि प्रधानमंत्री जिस मार्ग पर जाने वाले हैं, उसे राज्य पुलिस द्वारा अंतिम रूप दिया जाता और फिर इसे एसपीजी के साथ साझा किया जाता है. जब प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो एसपीजी से लेकर राज्य पुलिस और स्थानीय खुफिया एजेंसियों तक की बड़ी टीमें तैनात रहती हैं.
पीएम की सुरक्षा में हर दिन 1.17 करोड़ खर्च
आपको बता दें कि केवल प्रधानमंत्री मोदी को ही एसपीजी की सुरक्षा मिलती है. यानी, उनकी सुरक्षा में हर दिन 1.17 करोड़, हर घंटे 4.90 लाख और हर मिनट 8,160 रुपये खर्च होते हैं.
प्रधानमंत्री के काफिले में कौन-कौन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में अत्याधुनिक गाड़ियां होती हैं. सबसे पहले एडवांस सिक्योरिटी कार होती है. इसके बाद एडवांस पायलट कार होती है. फिर तीसरे नंबर पर पायलट कार होती है. पायलट कार के पीछे डायरेक्ट सिक्योरिटी की कार होती है. उसके बाद काफिले में VIP कार शामिल होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गाड़ी में बैठते हैं इनमें दो आर्मर्ड बीएमडब्लू 7 सीरीज सिडान, छह बीएमडब्लू एक्स 5 और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस के साथ ही एक दर्जन और गाड़ियां होती हैं. ये पूरी तरह से बुलेटप्रूफ होती है और बंदूक की गोलियों और बम विस्फोट का भी उस पर असर नहीं होता है.
प्रधानमंत्री के काफिले के साथ एक जैमर गाड़ी भी चलती है, जो रोड के दोनों तरफ 100 मीटर के दायरे में किसी भी डिवाइस को डिफ्यूज करने में सक्षम है. प्रधानमंत्री के काफिले में एक डमी कार भी चलती है, ताकी हमलावर को गुमराह किया जा सके. पीएम के काफिले में करीब 100 जवान शामिल होते हैं
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