Marburg Virus: इन अफ़्रीकी देशों में तेजी से फ़ैल रहा मारबर्ग वायरस, जानें इसका इबोला वायरस कनेक्शन
इक्वेटोरियल गिनी सहित अफ्रीका के कई देशों में मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) तेजी से फ़ैल रहा है. इसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक आपात बैठक बुलाई थी.

Marburg disease outbreak: इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) सहित अफ्रीका के कई देशों में मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) तेजी से फ़ैल रहा है. यह इबोला जैसा ही एक खतरनाक वायरस है, जो अफ्रीका के कुछ देशों में तेजी से फ़ैल रहा है.
जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चिंताएं बढ़ गयी है. इक्वेटोरियल गिनी के कुछ प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का भी ऐलान कर दिया गया है.
इसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें इससे निपटने और इसके रोकथाम जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी है. WHO के अनुसार अभी तक इक्वेटोरियल गिनी में 9 मौतें और 16 संदिग्ध मामले सामने आये हैं. इक्वेटोरियल गिनी से मिले नमूनों को जाँच के लिए सेनेगल की लैब में भेजा गया है.
The #Marburg virus vaccine consortium (MARVAC) is meeting today to discuss the new Marburg virus disease outbreak in #EquatorialGuinea.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 14, 2023
They will review available candidate vaccines and their development status.
⏰ 3 p.m. CET
Registration link:
➡️ https://t.co/5ts8NuhkXi pic.twitter.com/WjjFXa0sE2
रैपिड एक्शन, एक्सपर्ट मीटिंग:
डब्ल्यूएचओ ने मारबर्ग वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, मारबर्ग वायरस वैक्सीन कंसोर्टियम (MARVAC) की एक तत्काल बैठक बुलाई थी, जिसमें इसकी गंभीरता और उपायों पर चर्चा की गयी. अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मात्शिडिसो मोएती ने कहा कि मारबर्ग अत्यधिक संक्रामक है.
डब्ल्यूएचओ ने अपनी टीम भेजी:
डब्ल्यूएचओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महामारी विज्ञान (Epidemiology), मामले प्रबंधन, संक्रमण की रोकथाम, प्रयोगशाला और जोखिम संचार में स्वास्थ्य आपातकालीन विशेषज्ञों को भेजा है.
इसके संक्रमण का पता लगाने, आइसोलेट करने और बीमारी के लक्षण वाले लोगों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए प्रभावित जिलों में अग्रिम टीमों को तैनात कर दिया गया है.
इबोला वायरस कनेक्शन:
खतरनाक मारबर्ग वायरस, इबोला वायरस फैमिली से सम्बन्ध रखता है, इसका संक्रमण फ्रूट बैट्स से मनुष्यों में फैलता है. इसका संक्रमण काफी तेज होता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से, सतहों और सामग्रियों के शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से यह तेजी से फैलता है.
इस बीमारी का पहली बार पता 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट शहरों और बेलग्रेड, सर्बिया में फैलने के बाद चला था.
क्या है इसका लक्षण?
इसके लक्षणों में मुख्य रूप से तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता के साथ इसके लक्षण सामने आते है. कई रोगियों में सात दिनों के भीतर गंभीर रक्तस्रावी लक्षण विकसित हो जाते हैं. यह एक विषाणुजनित रोग है, जिसमें हेमरैजिक बुखार हो जाता है.
क्या है इसका बचाव:
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस बीमारी का अभी तक कोई टीका या एंटीवायरल उपचार स्वीकृत नहीं है, मौखिक या विशिष्ट लक्षणों के उपचार से ही इससे बचा जा सकता है.
#Marburg outbreak confirmed in #EquatorialGuinea. @WHO is deploying experts to support the national response and facilitating the shipment of diagnostics and personal protective equipment for health workers. https://t.co/1fCQIbq48x
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) February 13, 2023
इसे भी पढ़े:
WPL 2023: विमेंस प्रीमियर लीग का शेड्यूल जारी, जानिए कब होगा शुरू और कहां खेला जायेगा फाइनल?
Take Weekly Tests on app for exam prep and compete with others. Download Current Affairs and GK app
एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप
AndroidIOS