शहबाज शरीफ ने हाल ही में पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है. उन्होंने संसद में 174 वोट पाकर इमरान खान की पार्टी के उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी को मात दी थी. संसद में वोटिंग से पहले ही इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के सभी सांसदों ने इस्तीफे का घोषणा करते हुए सदन का बॉयकॉट किया.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को बधाई दी है. दूसरी ओर, इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सांसदों ने नेशनल असेंबली से इस्तीफा दे दिया है. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्यों ने नये प्रधानमंत्री के चयन के लिए बुलायी गयी नेशनल असेंबली की बैठक का बायकॉट किया.
#WATCH | Shehbaz Sharif, Pakistan opposition leader, elected new PM
— ANI (@ANI) April 11, 2022
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कौन हैं शाहबाज शरीफ?
• शाहबाज शरीफ का जन्म 23 सितंबर 1951 को लाहौर में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद शरीफ एक कारोबारी थे. उनकी मां पुलवामा की रहने वाली थीं.
• लाहौर की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद शाहबाज शरीफ ने अपना फैमिली बिजनेस संभाल लिया.
• शाहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद हैं तथा पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं.
• 13 अगस्त 2018 से शाहबाज शरीफ नेशनल असेंबली के सदस्य हैं तथा विपक्ष के नेता भी हैं. इससे पहले शाहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके थे.
• वे सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं. फिलहाल शाहबाज शरीफ PML-N के अध्यक्ष हैं.
• शाहबाज शरीफ के दो बड़े भाई अब्बास शरीफ एवं नवाज शरीफ हैं. बता दें नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
• शहबाज शरीफ साल 2013 में भारत दौरे पर आए थे. उस वक्त मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे. उस दौरान शहबाज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद शहबाज शरीफ ने साथ मिलकर काम करने की बात कही थी.
पृष्ठभूमि
साल 2018 में हुए आम चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सबसे ज्यादा 149 सीटें जीती थीं. शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग यानी पीएमएल-(एल) को 82 तथा बिलावल भुट्टो की पीपीपी को 54 सीटें मिलीं थीं. 342 सदस्यों वाली संसद में 172 बहुमत का आंकड़ा है. तब इमरान खान ने कुछ छोटी पार्टियों एवं निर्दलीय उम्मीदवारों की सहायता से सरकार बना ली थी.
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