संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य संबंधी ईकाई, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 22 अक्टूबर 2017 को जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की गुडविल एंबैसेडर पद से हटा दिया. मुगाबे को इस पद पर नियुक्त किये जाने के बाद से ही विश्वभर में उनकी आलोचना हो रही थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से विश्लेषण करने के पश्चात् यह निर्णय लिया गया. डब्ल्यूएचओ के निदेशक ट्रेडोस एडनोन ने मीडिया से कहा कि मुगाबे की नियुक्ति के बाद तमाम प्रतिक्रियाओं पर उनकी नजर थी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जिम्बाब्वे सरकार से भी सलाह-मशविरा किया गया और उसके बाद यह फैसला किया गया.
इथियोपिया के ट्रेडोस ने गैर संक्रामक रोगों से संबद्ध उरुग्वे में एक सम्मेलन के मौके पर मुगाबे की नियुक्ति की घोषणा की थी. उन्होंने उनकी तारीफ़ में कहा था कि मुगाबे के शासनकाल में जिम्बाब्वे में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है. उन्होंने यह भी कहा था कि मुगाबे इलाके में अपने प्रभाव का सकारात्मक इस्तेमाल कर सकते हैं.
मुगाबे के 30 वर्ष के शासन के दौरान ज़िंबाब्वे की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई थी. आलोचकों का कहना था कि स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मचरियों को कई बार उनकी तनख्वाह तक नहीं दी गई और दवाइयों की भी काफ़ी किल्लत रही.
ब्रिटिश सरकार ने संगठन के इस फ़ैसले को "चौंकानेवाला और निराशाजनक" बताते हुए कहा कि ज़िंबाब्वे का "मानवाधिकार रिकॉर्ड सही नहीं है और इसका असर विश्व स्वास्थ्य संगठन के काम पर पड़ सकता है."
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रॉबर्ट मुगाबे
• रॉबर्ट गैबरियल मुगाबे का जन्म 21 फरवरी, 1924 को हुआ. वे ज़िम्बाब्वे के वर्तमान राष्ट्रपति हैं.
• वे पहली बार 1960 में ज़िम्बाब्वे-अफ़्रीकन नेशनल यूनियन पार्टी के नेता के तौर पर उस समय प्रसिद्ध हुए जब रोडेशिया में गोरे लोगों का अल्पसंख्यक राज चल रहा था.
• मुगाबे को प्रभावशाली वक्ता, विवादों में घिरा रहने वाला व्यक्ति एवं लोगों को ध्रुवीकृत करने में माहिर समझा जाने वाला राजनीतिक समझा जाता रहा है.
• स्वतंत्रता युद्ध के बाद वे अफ़्रीकियों के नायक के तौर पर उभर कर सामने आये थे.
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