विश्व अस्थमा दिवस: मई महीने के पहले मंगलवार को
विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष के मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस बार विश्व अस्थमा दिवस 07 मई 2019 को विश्व स्तर पर मनाया गया. अस्थमा विरोध की जागरूकता एवं शिक्षा हेतु इस इस दिन को संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है.
विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन दमा और इसके इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है. अस्थमा के मरीज़ों को हर मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है. वर्तमान समय में वायु प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.
विश्व अस्थमा दिवस का उद्देश्य:
विश्व अस्थमा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर के लोगों को अस्थमा बीमारी के बारे में जागरूक करना है. भारत में एक अनुमान के मुताबिक अस्थमा के रोगियों की संख्या लगभग 15 से 20 करोड़ है जिसमें लगभग 12 प्रतिशत भारतीय शिशु अस्थमा से पीड़ित हैं.
विश्व अस्थमा दिवस का विषय: वर्ष 2019 के लिए विश्व अस्थमा दिवस का विषय ‘स्टॉप फॉर अस्थमा (STOP for Asthma)’ है. इसे एक शब्द के रूप में नहीं, बल्कि एक विस्तृत अभियान के तहत देखना चाहिए. यहाँ ‘स्टॉप’ का अर्थ है:- एस (S) यानी सिम्पटम्स इवैल्यूएशन (लक्षणों का मूल्यांकन). टी (T) यानी टेस्ट रेस्पांस (परीक्षण पर प्रतिक्रिया). ओ (O) यानी ऑब्जर्व एंड असेस (निगरानी और मूल्यांकन). पी (P) यानी प्रोसीड टू एडजस्ट ट्रीटमेंट (इलाज के तौर-तरीके समायोजित करना) है. |
विश्व अस्थमा दिवस के बारे में:
विश्व अस्थमा दिवस मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में घोषित किया गया है. विश्व अस्थमा दिवस साल 1998 में पहली बार बार्सिलोना, स्पेन सहित 35 देशों में मनाया गया. विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा किया जाता है.
ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) क्या है?
ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से साल 1993 में शुरू किया गया था. यह अस्थमा के प्रसार, रुग्णता एवं मृत्यु दर को कम करने के लिए विश्व भर के स्वास्थ्य पेशेवरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम करता है.
अस्थमा के बारे में:
अस्थमा के मरीजों को आजीवन कुछ सावधानियां अपनानी पड़ती हैं जिसकी वजह से मरीज़ों को प्रत्येक मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है. अस्थमा के मरीज़ों के लिए आहार की कोई बाध्यता नहीं होती, लेकिन अगर उन्हें किसी खास प्रकार के आहार से एलर्जी हो तो उससे परहेज़ करना चाहिए.
अस्थमा के मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है, बहुत ही जल्द सांस फूल जाता है. खांसी आती है, वैसे यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन हाल के वर्षों की बात की जाए तो बच्चों में यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है.
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