संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय संगठन के बीच सहयोग पर UNSC ओपन डिबेट में अपने संबोधन के दौरान 19 अप्रैल, 2021 को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह कहा कि, दूसरे विश्व युद्ध के बाद से विश्व गंभीर तनाव झेल रहा है'.
EAM एस. जयशंकर ने यह कहा कि 75 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से ’सुरक्षा चुनौतियां’ भी बदल गई हैं.
अपने संबोधन के दौरान, जयशंकर ने यह कहा कि, आसियान के साथ भारत के संबंध इसकी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और इसकी विदेश नीति के प्रमुख स्तंभ' हैं. भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र को एक मुक्त, खुला और समावेशी क्षेत्र के तौर पर देखता है. यह दृष्टि आसियान की केंद्रीयता पर आधारित है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, भारत बिम्सटेक ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग में गति बनाये रखने के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है. भारत अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के संचालन और शांति कायम रखने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है.
Spoke at the UNSC meeting chaired by Vietnam on regional and sub-regional organisations.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 19, 2021
•Support closer engagement with the UN, in line with the UN Charter.
•Cited ASEAN, BIMSTEC and African Union as three positive Indian experiences.https://t.co/DBvpwROCr5 pic.twitter.com/aKCZPV6rbt
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 19 अप्रैल, 2021 को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ भी बात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एजेंडे पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
यह चर्चा भारत के निकट और दूरवर्ती पड़ोस के साथ-साथ दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य सहयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में थी.
14 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रपति जो बिडेन ने यह घोषणा की थी कि, सभी अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर, 2021 तक अफगानिस्तान छोड़ देंगे. विश्लेषकों का यह मानना है कि, इस विषय पर जयशंकर और ब्लिंकेन के बीच हुई वार्ता के दौरान चर्चा के विषयों में से एक रहा होगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बारे में
UNSC संयुक्त राष्ट्र (UN) के छह मुख्य अंगों में से एक है जो मुख्य रूप से सभी देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के साथ ही विभिन्न देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी भी निभाती है.
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