कार्निवैक-कोव, जानवरों के लिए दुनिया का पहला COVID-19 टीका हाल ही में रूस द्वारा पंजीकृत किया गया है. देश के कृषि सुरक्षा प्रहरी रोसेलखोज्नाजदोर के अनुसार, इस टीकाकरण के बाद कम से कम छह महीने तक पशुओं को इस टीके द्वारा प्रतिरक्षा प्रदान की जाएगी.
हालांकि, यह वैक्सीन तैयार करने वाले लोग अभी इस टीके द्वारा प्रदान की गई प्रतिरक्षा का विश्लेषण कर ही रहे हैं.
रोसेलखोज्नाजदोर ने यह भी बताया कि, इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन अप्रैल माह के शुरू के दिनों में शुरू हो सकता है.
महत्त्व
अब तक, कार्निवैक-कोव जानवरों में कोविड -19 को रोकने के लिए दुनिया का पहला और एकमात्र टीका है.
कार्निवैक-कोव: आप सभी के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी
• कॉर्निवैक-कोव, कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ एक सोर्बेट निष्क्रिय टीका, रोसेलखोज्नाजदोर की एक इकाई (पशु चिकित्सा और फाइटोसैनिटरी निगरानी के लिए संघीय सेवा) द्वारा विकसित किया गया है.
• इस वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण अक्टूबर, 2020 में शुरू हो गए थे और उन्होंने बिल्लियों, कुत्तों, मिंक, लोमड़ियों और आर्कटिक लोमड़ियों जैसे विभिन्न जानवरों को इस परिक्षण में शामिल किया था.
• रूसी वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वैक्सीन के उपयोग से वायरस के उत्परिवर्तन/ म्युटेशन को रोका जा सकता है.
क्या कार्निवैक-कोव टीका सुरक्षित है?
पशुचिकित्सा और फाइटोसैनिटरी सर्विलांस के लिए संघीय सेवा के उप प्रमुख कोन्स्टेंटिन सवेनकोव के अनुसार, इस टीके के शोध के परिणाम से यह पता चलता है कि, यह टीका सुरक्षित है और इसका मजबूत इम्युनोजेनिक प्रभाव है, क्योंकि सभी जानवर, जिनका टीकाकरण हो चुका है, उनमें एंटीबॉडीज विकसित हुए हैं.
रूसी वैज्ञानिकों ने अभी इस वैक्सीन पर अपने शोध को जारी रखा है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि, यह टीका पशुओं में कितने समय तक प्रभावी रहता है.
क्या COVID-19 जानवरों से इंसानों में फैलता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हालांकि COVID-19 को चमगादड़ों से उत्पन्न माना जाता है, तो भी इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है कि, इस वायरस को लोगों तक पहुंचाने में जानवरों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
WHO ने, हालांकि यह भी कहा था कि, यह वायरस लोगों से जानवरों में घनिष्ठ संपर्क की स्थितियों में फैल सकता है. इस स्वास्थ्य निकाय ने यह भी कहा था कि, दुनिया भर में COVID-19 से जानवरों के संक्रमित होने खबरें मिली हैं. इस निकाय ने यह भी स्वीकार किया कि, बिल्लियां, कुत्ते, बड़ी बिल्लियां, मिंक, गोरिल्ला और कुछ अन्य स्तनधारी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.
पृष्ठभूमि
डेनमार्क ने पिछले साल अपने खेतों पर लगभग सभी 17 मिलियन मिंक को मार डाला था, जब इस देश ने यह निष्कर्ष निकाला था कि, यह वायरस मनुष्यों से मिंक में संक्रमित हो गया था और फिर, इस वायरस के उत्परिवर्तित उपभेदों ने वहां फिर कुछ लोगों को संक्रमित कर दिया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation