आईपीएस अधिकारी योगेश चन्द्र मोदी ने 30 अक्तूबर 2017 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नए महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. वह असम-मेघालय कैडर के वर्ष 1984 बैच के आईपीएस हैं.
योगेश चन्द्र मोदी ने शरद कुमार का स्थान लिया है. शरद कुमार के कार्यकाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बोधगया मंदिर धमाका, पठानकोट वायु सैनिक अड्डे पर हमला, आईएसआईएस लिंक और जम्मू कश्मीर आतंक के लिए धन मुहैया कराने जैसे बडे़ बड़े मामलों की जांच की. शरद कुमार की सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होने पद भार ग्रहण किया है.
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, ‘‘यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, दिलसुखनगर (हैदराबाद) धमाका मामला, आईएसआईएस षडयंत्र मामला और जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) जैसे अनेक महत्पूर्ण मामले दोषसिद्धि तक पहुंचे.’’ वाईसी मोदी 22 सितंबर 2017 को एनआईए में विशेष ड्यूटी अधिकारी के तौर पर शामिल किए गए थे.
योगेश चन्द्र मोदी-
- वर्ष 2002 से 2010 तक और फिर 2015 से 2017 (10 वर्ष) तक वाईसी मोदी ने सीबीआई के लिए काम किया. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मामलों के साथ ही विशेष अपराध एंव आर्थिक अपराध के मामले देखे.
- वाईसी मोदी ने 1991 और 2002 के मध्य कैबिनेट सचिवालय में भी काम किया.
- प्रोन्नति पर एनआईए में भर्ती होने से पहले वाईसी मोदी नयी दिल्ली में सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक के पद पर सेवाएं दे रहे थे.
- सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वर्ष 2002 में गुजरात के गोधरा दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का हिस्सा बनाया था.
- मूलरूप से हरियाणा के निवासी योगेश चन्द्र मो 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनका का परिवार जींद जिले में रहता है. इससे पहले वह टोहाना कस्बे में रहते थे. योगेश चन्द्र मोदी का जन्म टोहाना की जैन गली में हुआ. उनकी प्राथमिक शिक्षा भी यहीं पूरी हुई. योगेश चन्द्र मोदी ने सोनीपत से स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की.
सम्मान-
वर्ष 2001 में वाईसी मोदी को पुलिस मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस और वर्ष 2008 में राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया गया.
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