21 फरवरी: अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी 2015 को मनाया गया. वर्ष 2015 के अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय समावेशी शिक्षा के माध्यम से भाषा के साथ- भाषा मैटर्स (Inclusive Education through and with Language - Language Matters) रखा गया.
इसका उद्देश्य भाषाओं और भाषाई विविधता को बढ़ावा देना है.
वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की 15वीं सालगिरह मनाई गई.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की घोषणा आम सभा में नवंबर 1999 में की गई थी.
भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2000 से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है.
बांग्ला को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा बनाने की मांग को लेकर 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बंगलादेश) के छात्रों ने आंदोलन किया था. इस आंदोलन में पुलिस द्वारा गोली चलाने में पांच छात्र शहीद हो गए थे. उसी के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है. शहीद होने वाले छात्रों में शफीउल रहमान, रफीकुद्दीन अहमद, अब्दुल जबर, अदूस सलाम अबुल बरकत शामिल थे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बहुभाषावाद और बहुसंस्कृतिवाद के माध्यम से विविधता और अंतरराष्ट्रीय समझ में एकता को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय भाषा वर्ष के रूप में 2008 की घोषणा की.
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