नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने अमेरिका में उत्तरी तट पर स्थित वैलप रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र से चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष मिशन 7 सितम्बर 2013 को भेजा. बिना मनुष्य वाले इस अंतरिक्ष अभियान को लाडी (एलएडीईई) का नाम दिया गया.
लाडी (एलएडीईई) अंतरिक्ष अभियान का उद्देश्य
28 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत वाले इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा के आसपास के वातावरण का बारीकी से अध्ययन करना है. इसके साथ ही इसके द्वारा चंद्रमा पर फैले धूल और ग़ुबार के व्यवहार के बारे में जानकारी प्राप्त की जानी है.
लाडी (एलएडीईई) अंतरिक्ष अभियान से संबंधित मुख्य तथ्य
• लाडी का वज़न 383 किलोग्राम है और ऊंचाई 4.2 मीटर है जबकि यह 8.1 मीटर चौड़ा है.
• लाडी (एलएडीईई) द्वारा चंद्रमा पर लेज़र संचार प्रणाली की जांच की जानी है. इसे नासा अपने भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल करना चाहता है. लेज़र प्रणाली के ज़रिए आंकड़े पारंपरिक रेडियो संचार की तुलना में बहुत तेज़ी से भेजे जा सकते हैं.
• लाडी में मौजूद टेस्ट टर्मिनल 600 मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड की दर से डाटा डाउनलोड गति प्राप्त कर पाएंगे.
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा)
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन हेतु जिम्मेदार है. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन का गठन नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1958 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नेशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था. इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1958 से कार्य करना शुरू किया था.
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