दक्षिण-पूर्व एशिया के ब्रुनेई में 29 अगस्त 2013 को आयोजित आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की द्वितीय बैठक (प्लस) में एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया. घोषणा पत्र के अनुसार एडीएमएम (ADMM, ASEAN Defence Ministers’ Meeting) देशों के द्वारा समुद्री सीमाओं में होने वाली गलतफहमियों और अनिच्छित घटनाओं से बचने तथा गलत अनुमानों को कम करने के लिए व्यरवहारिक उपाय अपनाये जाएंगे.
समुद्री सीमाओं में होने वाली गलतफहमियों संबंधित उपायों के अतिरिक्त कुछ अन्य फैलसे प्लस बैठक में किया गया. जिनमें मानवतावादी कार्य संचालन पर एक अतिरिक्त (छठे) विशेषज्ञ कार्यकारी समूह की स्थाnपना का निर्णय शामिल है.
आसियान रक्षा मंत्रियों की द्वितीय बैठक (प्लस) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया. बैठक के संबंध में जितेंद्र सिंह ने कहा, “आसियान के साथ भारत की साझेदारी एशिया और इससे जुड़े हिंद महासागर एवं प्रशांत क्षेत्रों को स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के स्वएप्न से जुड़ी है. हमारे देश की सुरक्षा और समृद्धि भी महत्वकपूर्ण रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र से जुड़ी है, इसलिए तीन वर्ष पूर्व भारत ने एडीएएमएम प्ल्स की स्था्पना का स्वाकगत किया था. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आसियान सदस्यब देशों के साथ भारत की भागीदारी राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के रूप में है.”
आसियान देशों में आतंकवाद के मुद्दे पर जितेंद्र सिंह ने कहा, “इस संपूर्ण क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे प्रमुख खतरा है. इस संदर्भ में भारत अपील कर चुका है कि संयुक्त राष्ट्रर में अंतर्राष्ट्री य आतंकवाद पर एक व्यातपक सम्मेालन के माध्य म से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक शासन को मजबूत बनाए जाने की आवश्याकता है. सीमाओं से परे आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों से निबटने के लिए अंतर्राष्ट्री य पहुँच की आवश्यतकता है. आतंकी आश्रयों, सुरक्षित स्थ लों और नेटवर्को को खत्मन करने के लिए संयुक्तं प्रयासों को सुनिश्चित किया जाना आवश्यतक है. विशेषतौर पर अफगानिस्ताान में स्थिरता, शांति और लोकतांत्रिक व्यतवस्थाा के बनाये रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपने प्रयासों को दुगना करना चाहिए. भारत, अफगानिस्तांन में सभी सशस्त्रख विपक्षी संगठनों की अफ़गान सरकार के साथ शांतिपूर्ण वार्ता का समर्थन करता है.”
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