इजराइल, जॉर्डन और फिलीस्तीन ने 9 दिसंबर 2013 को वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक में एक ऐतिहासिक पानी के बंटवारे के समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौते से इन देशों में पानी की बढ़ती मांग से मृत सागर को हो सकने वाले संभावित क्षय को रोकने में मदद मिलेगी. इस समझौते पर इजरायल के ऊर्जा मंत्री सिलवान सालोम, फिलीस्तीनी जल प्राधिकरण के प्रमुख शाद्दाद अत्तिली, और जॉर्डन जल मंत्रालय के प्रमुख हाजिम-ईल-नासेर ने हस्ताक्षर किए.
समझौते के अनुसार, इन क्षेत्रों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए जार्डन की ओर से मृत सागर में लाल सागर के विलवणीकरण संयंत्र से खारा पानी (समुद्र के पानी) ले जाने के लिए अकाबा खाड़ी में पाईपलाईन बनायी जानी है. इस परियोजना पर 250-400 मिलियन डॉलर की लागत आने का अनुमान लगाया गया है.
मृत सागर पानी के क्षयकारी मुद्दे
जॉर्डन नदी के जल का सिंचाई उपयोग के लिए उपलब्ध न होने के कारण, मृत सागर का जल स्तर प्रतिवर्ष 1 मीटर (3.3 फीट) घट रहा है और यह वर्ष 2050 तक इसके पूरी तरह से सूख जाने का अनुमान लगाया गया है. मृत सागर नमक और अन्य खनिजों से समृद्ध है. समुद्र से घिरे होने की वजह से यह क्षेत्र पर्यटन और स्वास्थ्य उद्योग के लिए अद्वितीय सम्पत्ति है.
खारे पानी को जॉर्डन में एक विलवणीकरण संयंत्र के माध्यम से मृत सागर के सुदूर दक्षिणी किनारे में भेजने के लिए अकाबा खाड़ी में पाईपलाईन बनायी जानी है. लाल सागर के पानी के प्रभाव का परीक्षण कर इस्तेमाल करने के लिए समुद्र के पानी को मृत सागर के लिए ले जाया जा रहा है. इस पानी के विलवणीकरण संयंत्र के निर्माण शामिल होने पर 80 से -100 मिलियन घन मीटर पानी के उत्पादन का अनुमान है. इजरायल की नजर एक और जल अंतरण सौदे पर है जिससे पानी की आपूर्ति जॉर्डन और फिलीस्तीनी राज्य क्षेत्रों में होगी. परियोजना के विलवणीकरण प्रक्रिया में उपयोग के लिए पन-बिजली उत्पादन की भी उम्मीद है.
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