इटली के विवादास्पद कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी का इटली के मिलान शहर में दिल का दौरा पड़ने से 13 जुलाई 2013 को निधन हो गया. वह 74 वर्ष के थे. बोफोर्स घोटाले में उनका नाम प्रमुख रूप से आया था.
ओतावियो क्वात्रोकी के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• वर्ष 1999 में सीबीआई द्वारा दायर बोफोर्स आरोप पत्र में भारतीय सेना को स्वीडन की हॉवित्जर तोप आपूर्ति में 64 करोड़ रूपए की रिश्वत देने के मामले में ओतावियो क्वात्रोकी को प्रमुख अभियुक्त बनाया गया था.
• वह वर्ष 1960-1990 के बीच भारत में एक इतालवी फर्म के प्रतिनिधि के तौर पर रहे.
• सीबीआई ने ओतावियो क्वात्रोकी के प्रत्यर्पण की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. भारत की दो प्रत्यर्पण अपीलों पर सफलता नहीं मिली. एक अपील मलेशिया में वर्ष 2002 में की गई थी जबकि दूसरी वर्ष 2007 में अर्जेंटीना में दाखिल की गई थी.
• दलाली मामले में सीबीआई कोई ठोस सबूत नहीं जुटा पाई. इसके चलते 19 वर्ष तक मामला चलाने के बाद 3 अक्तूबर 2009 में सीबीआई ने क्वात्रोची पर चल रहा मामला बंद करने की सिफारिश की थी.
• दिल्ली स्थित तीस हजारी न्यायालय ने 4 मार्च 2011 को उन्हें बरी कर दिया.
• ओतावियो क्वात्रोकी का जन्म सिसली के कातानिया राज्य के मासकली में हुआ था.
बोफोर्स घोटाला
बोफोर्स सौदा वर्ष 1986 में हुआ था और यह 1437 करोड़ रुपए का आंका गया था. इस सौदे में भारत सरकार ने स्वीडन की एक कंपनी एबी बोफोर्स से 155 एमएम की 410 होवित्जर बोफोर्स तोपें खरीदी थीं. सौदे में दलाली के आरोपों पर सीबीआई ने 22 जनवरी 1990 में केस दर्ज किया था. लंबी छानबीन के बाद इस मामले में एसके भटनागर, विन चड्ढा, ओतावियो क्वात्रोकी, मार्टिन आरड्बो, एबी बोफोर्स और हिंदुजा बंधुओं के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. हिंदुजा बंधुओं को न्यायालय ने आरोप मुक्त कर दिया, जबकि ओतावियो क्वात्रोकी को छोड़ अन्य आरोपी सुनवाई के दौरान परलोक सिधार गए. ओतावियो क्वात्रोकी गिरफ्तारी से बचने हेतु वर्ष 1993 में भारत से चले गए. वह सुनवाई के दौरान कभी न्यायालय में पेश नहीं हुए. दिल्ली स्थित तीस हजारी न्यायालय ने 4 मार्च 2011 को उन्हें बरी कर दिया.
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