पैट्रियोटिक यूनियन ऑफ कुर्दिस्तान (पीयूके) पार्टी के मोहम्मद फौद मासूम 24 जुलाई 2014 को इराक के सातवें राष्ट्रपति चुने गए. उन्हें बगदाद में इराक के प्रतिनिधियों के परिषद (इराकी संसद) में भारी बहुमत के साथ चुना गया. उन्हें दूसरे दौर के मतदान में जज हुसैन अल–मुसाबी के 17 वोटों के मुकाबले 211 वोट हासिल हुए.
मासूम पीयूके पार्टी के संस्थापक और इराक के वर्तमान राष्ट्रपति जलाल तालाबानी के बाद इराक के दूसरे गैर–अरब राष्ट्रपति हैं.
पहले दौर के मतदान में राष्ट्रपति पद के दावेदार चार उम्मीदवारों में से फौद को 175 वोट मिले थे लेकिन राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 218 मतों से यह कम था. राष्ट्रपति पद के अन्य उम्मीदवार हानान अल–फतवी, फैक अल–शेख अली और हुसैन अल–मुसावी ने बाकी की सीटों पर कब्जा किया.
परिणामस्वरुप, राष्ट्रपति पद के दो अन्य उम्मीदवार हानान अल–फतवी और फैक अल–शेख अली दूसरे दौर के मतदान से अपना नाम वापस ले लिया जिसकी वजह से वर्तमान राष्ट्रपति तालाबानी को वर्ष 2010 में चुनौती देने वाले फौद मासूम और हुसैन अल–मुसावी के बीच औपचारिक प्रतियोगिता हुई.
अब आगे क्या?
फौद मासूम के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद इराक में बहुप्रतिक्षित नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है. वास्तव में इराक अगली सरकार के गठन हेतु संवैधानिक समय सीमा से आगे निकल चुका है. लेकिन संसद में सबसे बड़े गुट की पहचान और प्रधानमंत्री को नामांकित करने का संभवतः सबसे कठिन कार्य अभी बाकी है जिसके लिए मासूम को सिर्फ 14 दिनों का समय मिला है.
एक तरफ अखिल खिया गठबंधन ने खुद को सबसे बड़ा गुट घोषित किया है लेकिन उन्हें अभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला करना बाकी है. अगर वे पीएम उम्मीदवार के लिए सहमति नहीं बना पाते तो यह इराकी सरकार के गठन के लिए दिलचस्प होगा. दूसरी तरफ, पीएम मलिकी के कानून गुट ने – जिसके उम्मीदवार मलिकी हैं– सबसे बड़ा गुट है. जब तक कोई दूसरा पीएम उम्मीदवार नहीं सामने आता, तब तक मलिकी वैध तरीके से संघीय सुप्रीम कोर्ट में मासूम के अस्तित्वहीन राजनीतिक गठबंधन के साथ अपना समय बर्बाद करने की शिकायत कर सकते हैं.
इसके अलावा, नई सरकार के गठन के समय इसके समावेशी होने को देखना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि नूरी–अल–मलिकी सरकार पर शिया और कुर्दों के बीच भेदभाव का आरोप लगाया गया है. इसने इराक को पतन के बिल्कुल करीब ला दिया है. वास्तव में फौद के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की–मून ने वर्तमान प्रधानमंत्री नूरी–अल– मलिकी से मुलाकात की और देश को बर्बाद होने से बचाने के लिए व्यापक आधार वाली सरकार को बनाने पर जोर दिया.
फौद मासूम के बारे में
- वर्ष 1991 में कुर्दिस्तान क्षेत्रीय विद्रोह के बाद मासूम स्वायत्त इराकी कुर्दिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने और इस पद पर वे दो दशकों से भी अधिक समय तक बने रहे.
- वर्ष 1976 में वे सीरिया की राजधानी दमिश्क में पीयूके के संस्थापक सदस्यों में से थे.
- उनका जन्म वर्ष 1938 में इराकी कुर्दिस्तान के पूर्वी इर्बिल के कोया शहर में हुआ था.
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