मंगल ग्रह की तरफ बढ़ते भारत के पहले अंतरिक्ष यान को उसके सही प्रक्षेप पथ पर बनाए रखने के लिए इसरो ने उसमें सुधार का पहला परीक्षण 11 दिसंबर 2013 को भारतीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे सफलतापूर्वक संपन्न किया. मंगलयान इस समय पृथ्वी से करीब 29 लाख (2.9 मिलियन) किलोमीटर दूर है.
टीसीएम अंतरिक्ष यान को सही प्रक्षेप पथ पर बनाए रखता है ताकि यह मार्श (लाल ग्रह) की ओर तय पथ पर यात्रा करता रहे. मंगलयान को मार्श पर रखने के लिए कुल चार टीसीएम को अंजाम देना है. मार्स के प्रचालक मंगल यान की गति को माप रहे हैं और आवश्यक संशोधनों के जरिए उसे सही रास्ते पर बनाए रखने का काम कर रहे हैं.
मंगलयान मंगल ग्रह के लिए 680 करोड़ किमी की यात्रा पर है. अंतरिक्ष यान 1 दिसंबर 2013 को पृथ्वी की कक्षा से बाहर चले गया था.
1350 किलोग्राम मंगल ग्रह क्राफ्ट को सफलतापूर्वक श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी में पीएसएलवी सी 25 के जरिये पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में इंजेक्ट किया गया था.
यह 5 नवम्बर 2013 को शुरू किया गया था और इस अंतरिक्ष यान की 24 सितंबर 2014 तक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने की उम्मीद है.

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