ईरान में तेहरान के पश्चिम स्थित मेहराबाद हवाई अड्डे के पास ईरान– 140 सेपाहन यात्री विमान 10 अगस्त 2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में कम– से – कम 39 यात्रियों के साथ चालक दल के 8 सदस्य भी मारे गए. दुर्घटना का कारण विमान के इंजन का काम न करना बताया गया. इस दुर्घटना में नौ लोग घायल भी हुए हैं.
यह असैनिक विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह विमान तेहरान से ईरान के पूर्वी शहर तबस की उड़ान पर था.
ईरान– 140 के बारे में
ईरान– 140 एक दो– इंजन वाला टूर्बोप्रॉप विमान है. सामन्यतः इसका उपयोग छोटे घरेलू विमान के रूप में किया जाता है. यह विमान यूक्रेन की तकनीक पर बनाया गया है और इसे ईरान में लाइसेंस के तहत तैयार किया जाता है. यह एन्टोनोव एएन– 140 रीजनल प्लेन का संस्करण है और 52 यात्रियों के साथ उड़ान भर सकता है.
एक दशक में ईरान में हुए अन्य विमान दुर्घटनाएं
• मार्च 2014– राज्य विमानन संगठन का विमान कीश द्वीप के पर्यटक रिसॉर्ट के पास परीक्षण के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया (चालक दल के चार सदस्यों की मौत).
• जनवरी 2011– ईरान एयर बोइंग 727 उस वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया जब वह बर्फ के तूफान में उत्तर पश्चिम ईरान में इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश कर रहा था. (77 लोगों की मौत)
• जुलाई 2009– रूस निर्मित जेटलाइनर तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया (168 लोगों की मौत).
• फरवरी 2003– रूस निर्मित इल्युशिन 76 दक्षिणपूर्वी ईरान की पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया (320 लोग मारे गए). यह विमान रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्यों को ले जा रहा था.
ईरान ने इन सभी विमान दुर्घटनाओं के लिए पुराने विमान और उनकी खराब रखरखाव को दोषी बताया है. पुराने और खराब रख– रखाव वाले विमानों का कारण ईरान में वर्ष 1979 में हुए इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान पर अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हैं.
अन्य देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध उसे अमेरिकी विमान को अपडेट करने से रोकते हैं और विमानों के लिए यूरोपीय स्पेयर पार्ट्स या विमानों की खरीद भी मुश्किल बना देते हैं. इन प्रतिबंधों की वजह से देश को सोवियत युग के रूसी विमानों पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद इन विमानों के पार्ट्स हासिल करना भी मुश्किल हो गया है.


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