एशियाई विकास बैंक(एडीबी) ने अपनी एशियाई विकास परिदृश्य 2012 शीर्षक रिपोर्ट में वित्तवर्ष 2012-13 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया. बैंक ने इसका कारण वैश्विक मांग में गिरावट और भारत में मानूसन में देरी की वजह से कृषि पर पडऩे वाले नकारात्मक प्रभाव को माना.
विकास दर में कटौती के लिए एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं भारत और चीन को मुख्य रुप से ज़िम्मेदार बताया गया है.
बैंक ने एशियाई विकास परिदृश्य 2012 रिपोर्ट 3 सितंबर 2012 को जारी किया. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत आर्थिक नीतियों में सुधार को गति देकर तथा निवेश का वातावरण सुधार कर वृद्धि दर में गिरावट के सिलसिले को पलट सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार एशिया क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वर्ष 2011 के 7.2 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2012 में 6.1 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2013-14 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
एडीबी की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक आर्थिक सुस्ती के साथ इस क्षेत्र के चीन और भारत में गिरावट के कारण से पहले के अनुमान को कम करना पड़ा. भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्तवर्ष 2011-12 की 6.5 प्रतिशत से घटकर वित्तवर्ष 2012-13 में 5.6 प्रतिशत रह जाएगी. इससे पहले बैंक ने देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्तवर्ष 2012-13 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था. वहीं वित्तवर्ष 2013-14 में इसे 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया.
वित्तवर्ष 2012-13 के दौरान औद्योगिक उत्पादन के नरम बने रहने की संभावना है वहीं विकसित देशों में कम मांग से निर्यात भी प्रभावित होगा.
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