नेयवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएलसी) ने 12वीं योजना के दौरान कोयला और बिजली क्षेत्र में 29239 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई. इसमें से एनएलसी द्वारा बिजली परियोजनाओं के विकास के लिए 26728.40 करोड़ रुपये और कोयला परियोजनाओं के लिए 2510.70 करोड़ रुपये निवेश किए जाने हैं.
इस अवधि के दौरान नेयवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड ने अपनी कई चालू परियोजनाओं के विस्तार की योजना तैयार की है, जिसमें नेयवेली और बरसिंगसर (राजस्थान) स्थित खदान और तूतीकोरीन (तमिलनाडु) स्थित बिजली संयंत्र शामिल हैं. केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने नई दिल्ली में अपने मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों को यह जानकारी 13 नवम्बर 2013 को दी.
निवेश योजना से संबंधित मुख्य तथ्य
• एनएलसी द्वारा 364.75 करोड़ रुपये के निवेश से पवन चक्की स्थापित की जानी है और एनएलसी ने 13319 करोड़ रुपये की लागत से सौर बिजली परियोजना स्थापित करने की योजना भी तैयार की है.
• एनएलसी भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) परियोजनाओं के विकास के क्षेत्र में पहले से काम कर रहा है. राजस्थान के रनेरी में प्रतिस्पर्द्धी निविदा के माध्यम से उपयुक्त निर्माता के द्वारा यूसीजी परियोजना शुरू की जानी है.
• राजस्थान और गुजरात में यूसीजी परियोजनाएं तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जानी है.
• वर्ष 2016-17 तक देश में लिग्नाइट का उत्पादन 290.16 मीट्रिक टन तक पंहुचने की उम्मीद है.
नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड
नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड कोयला मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण के तहत नवरत्न दर्जे वाली केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है. कंपनी अधिनियम 1956 के तहत वर्ष 1956 में इसका गठन किया गया था. एनएलसी के सभी खानें गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ प्रमाणित हैं.
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