कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) एवं भारी उद्योग विभाग (डीएचआई) ने 8 दिसम्बर 2015 को विनिर्माण क्षेत्र में कौशल विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
समझौता ज्ञापन कैपिटल गुड्स और मोटर वाहन क्षेत्र पर केंद्रित है. इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
• इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना करना एवं प्रशिक्षण शिक्षा और अनुसंधान के लिए विभिन्न स्थानों पर विनिर्माण प्रौद्योगिकी के बहु स्थान राष्ट्रीय संस्थान खोलना है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे एचएमटी, भेल एवं आईएल की सुविधाओं का लाभ उठाना है.
• यह केंद्र सुनिश्चित करेंगे कि इनमें निर्मित उत्पाद विश्वस्तर के हों एवं जर्मनी जैसे सक्रिय देशों की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय हो.
• इस समझौता ज्ञापन के अनुसार, सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) का 20 प्रतिशत कौशल विकास के उद्देश्य से देना होगा.
• केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, उपकरण और मशीनरी भी उपलब्ध कराएंगे जो उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होगा लेकिन इसे संस्थानों में प्रशिक्षण उद्देश्य से ही उपयोग किया जायेगा.
• यह समझौता भारी उद्योग विभाग के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अप्रेंटिसशिप के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे तथा आईटीआई को बढ़ावा देंगे.
• आईटीआई के अतिरिक्त उन्नत प्रशिक्षण संस्थान एवं क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान भी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ भारी उद्योग विभाग के अधीन कार्यरत होंगे.
• इस समझौते द्वारा कौशल विकास की श्रृंखला में निजी भागीदारी को सक्षम बनाया जायेगा.
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