भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज-2000 की मारक क्षमता बढ़ाने हेतु केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (Cabinet Committee on Security) ने 13 जुलाई 2011 को मंजूरी प्रदान की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक में लगभग तीन अरब डॉलर (1350 करोड़ रुपए) की लागत से भारतीय वायुसेना के 51 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण पर सहमति बनी.
मिराज-2000 निर्माता फ्रैंच कंपनी दासौ और थाल्स को इस लड़ाकू विमान को उन्नत साजो-सामान और हथियार प्रणालियों से लैस करने की जिम्मेदारी दी गई. केंद्र सरकार और फ्रांसीसी रक्षा कंपनी के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत मिराज-2000 में नया इंजन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तंत्र, उन्नत उड़ान प्रणाली के अलावा नई इंटरसेप्शन एंड एरियल कॉंबेट मीका मिसाइलें भी लगाई जाएंगी.
समझौते के तहत फ्रेंच कंपनियां करीब 900 मिलियन डॉलर से अधिक भारत में निवेश करेंगी. ज्ञातव्य हो कि भारतीय रक्षा ऑफसेट नीति के अनुसार 300 करोड़ रुपये से अधिक के सौदे हासिल करने वाली विदेशी कंपनियों को इसकी लागत का तीस फीसदी भारत में निवेश करना अनिवार्य है.
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