प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 20 नए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) स्थापित करने का निर्णय 7 दिसंबर 2010 को लिया गया. परियोजना का प्रारम्भ वित्तीय वर्ष 2011-12 से पांच से दस आईआईआईटी की स्थापना के साथ शुरू होना है. ये संस्थान सार्वजनिक और निजी भागीदारी के आधार पर खोले जाएंगे जिन पर 2808.71 करोड़ रुपए की लागत आनी है. प्रत्येक आईआईआईटी के निर्माण में 128 करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और उद्योग जगत की हिस्सेदारी का अनुपात क्रमश: 50:35:15 है. पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए यह अनुपात 57.5:35:7.5 रखा गया है. इस प्रस्ताव के तहत इन संस्थानों के लिए संबंधित राज्य सरकार को 50 से 100 एकड़ जमीन निशुल्क उपलब्ध कराना है. विद्यार्थियों को प्रवेश, शुल्क का ढांचा, स्टाफ सदस्यों को वेतन, भर्ती के नियम आदि से संबंधित अधिकार आईआईआईटी के संचालन बोर्ड को दिए जाने का प्रस्ताव है.
विदित हो कि सिद्धांतत: नए आईआईआईटी की स्थापना के लिए और इन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करने के लिए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम, 2010 को मंजूरी जरूरी होगी. इस प्रक्रिया में समय लगने के कारण प्रारंभ में इन संस्थानों को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया जा सकता है.
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