केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम 24 मई 2012 को घोषित किया गया. सीबीएसई की 10वीं कक्षा में कुल 1180081 विद्यार्थी शामिल हुए. यह परीक्षा 1-26 मार्च 2012 के मध्य आयोजित हुई. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनीत जोशी इसके चेयरमैन हैं. यह परीक्षा परिणाम jagranjosh.com पर प्राप्त कर सकते हैं.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड देश के प्राचीनतम शिक्षा बोर्डों में से एक है. यद्यपि वर्ष 1921 में स्थापित उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन पहला बोर्ड था और राजपूताना मध्य भारत तथा ग्वालियर उसके अधिकार क्षेत्र में आते थे.
वर्ष 1952 में बोर्ड का संविधान संशोधित किया गया जिससे इसका क्षेत्राधिकार भाग-ग और भाग-घ के क्षेत्रों तक बढ़ा दिया गया और बोर्ड को इसका वर्तमान नाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिया गया. इसके प्रमुख उद्देश्य थे-शिक्षा संस्थानों की अधिक प्रभावशाली ढंग से सहायता करना उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक प्रतिसंवेदी होना जिनके माता-पिता केंद्रीय सरकार के कर्मचारी थे और निरंतर स्थानांतरणीय पदों पर कार्यरत थे.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के क्षेत्राधिकार में संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ अरुणाचल प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिक्किम राज्य झारखंड उत्तरांचल छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल आते हैं. वर्ष 1962 में मात्र 302 विद्यालय बोर्ड से सबद्ध थे जिनकी संख्या बढ़कर 11000 से अधिक हो गई, इसमें 142 विद्यालय ऐसे हैं जो 21 देशों में स्थित हैं.
इसके क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर, चेन्नई इलाहाबाद गुवाहाटी पंचकुला भुनेश्वर पटना दिल्ली में स्थित है. प्रशासन संबंधी दिन प्रतिदिन के मामले विद्यालयों से संपर्क परीक्षा पूर्व और परीक्षा उपरांत की व्यवस्था आदि सभी मामलों की देखरेख क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा की जाती हैं.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्वयं एक वित्त पोषित निकाय है जिसे अपने आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय के लिए केंद्रीय सरकार अथवा किसी अन्य स्रोत से कोई वित्तीय सहायता या अनुदान प्राप्त नहीं होता. बोर्ड की समस्त वित्तीय आवश्यकताओं को वार्षिक परीक्षा प्रभार संबद्धता शुल्क, पीएमटी तथा अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के प्रवेश शुल्क तथा बोर्ड के प्रकाशनों के विक्रय इत्यादि से प्राप्त धन से पूरा किया जाता है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य निम्नलिखित है.
• परीक्षाओं से कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की वार्षिक के अंत में सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करना एवं संबंधित शर्तें निर्धारित करना.
• परीक्षाओं के लिए अनुदेशों के कोर्स का निर्धारण करना तथा अद्यतन बनाना.
• परीक्षा प्रयोजन हेतु विद्यालयों को संबद्धता प्रदान करना तथा देश के शैक्षणिक स्तर सत्र को बढाना.
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