केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 12 अक्टूबर, 2014 को मौद्रिक नीतिगत ढांचे में बहुप्रतीक्षित सुधार प्रस्ताव को मंजूरी दी. नए सुधारों के अंतर्गत, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्दिष्ट करेगा, जो उसको प्राप्त करने हैं. इसके साथ ही साथ भारतीय रिजर्व बैंक अपने नीतिगत वक्तव्यों में मुद्रास्फीति को अपनी शीर्ष प्राथमिकता के रूप में स्थापित करेगा.
यह निर्णय हाल ही में आई उर्जित पटेल समिति की सिफारिशों के विपरीत है. उर्जित पटेल समिति ने मौद्रिक नीति निर्णय प्रक्रिया, एक मौद्रिक नीति समिति में निहित होने की अनुशंसा की थी. जिसकी अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर करेंगें. उर्जित पटेल समिति मौद्रिक नीति की समीक्षा करने के लिए वर्ष 2013 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित की गई थी.
वर्तमान स्थिति
अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीति को विनियमित करने की एकमात्र शक्ति प्राप्त है. रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नरों की मदद से मौद्रिक नीति को विनियमित करने का कार्य करते हैं.
उर्जित पटेल समिति की अन्य सिफारिशें
समिति के अनुसार, मौद्रिक नीति के निर्धारण के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को ‘नोमिनल एंकर’ के उपाय के रूप में एक नया उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अपनाना चाहिए, साथ ही समिति ने आरबीआई के लिए 4 प्रतिशत का मुद्रास्फीति लक्ष्य (2 प्रतिशत के प्लस/माइनस बैंड के साथ) तय किया जो आरबीआई द्वारा अपने मौद्रिक नीति उपकरणों के माध्यम से प्राप्त किए जाने थें.
लक्षित मुद्रास्फीति
मुद्रास्फीति लक्ष्य-निर्धारण अथवा लक्षित मुद्रास्फीति एक आर्थिक नीति है, जिसमें एक केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को अनुमानित करता या मुद्रास्फीति दर के लिए लक्ष्य निर्धारित करता हैं एवं तत्पश्चात वास्तविक मुद्रास्फीति को ब्याज दरों में परिवर्तन और अन्य मौद्रिक उपकरणों का उपयोग करके लक्षित मुद्रास्फीति तक लाने के लिए प्रयास करता हैं. क्योंकि ब्याज दर और मुद्रास्फीति की दर अनुक्रमानुपाती रूप से संबंधित होते हैं. लक्षित मुद्रास्फीति की नीति के तहत केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि या कमी अधिक पारदर्शी हो गयी हैं.
वैश्विक दृष्टिकोण
वैश्विक पुनर्विचार किया जा रहा हैं कि क्या लक्षित मुद्रास्फीति मौद्रिक नीति निर्माताओं के लिए स्वर्ण मानक होना चाहिए? उदाहरण के लिए यूरोपीय केंद्रीय बैंक 'उदार' मौद्रिक नीति दृष्टिकोण अपनाता हैं, जहां विकास और अन्य व्यापक आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति भी उद्देश्य हैं. कई अन्य देशों में, एक समान संरचना पहले से ही कार्य कर रहीं है, जहां पर एक मौद्रिक नीति पैनल दरों को निर्धारित करता है. संरचना को बदलने का यह कदम भविष्य में भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों पर बहस और श्रेष्ठता जो वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के बीच में इसे प्राप्त हैं के बीच में आया हैं.
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