अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नए अध्ययन में पाया गया कि चंद्रमा का केंद्र (Moon Core) भी पृथ्वी के केंद्र जैसा ही है. अध्ययन के अनुसार चंद्रमा का अंदरूनी केंद्र 150 मील त्रिज्या का है जो लौह अयस्क से भरपूर ठोस अवस्था में है. जबकि इसका बाह्य परत लगभग 205 मील त्रिज्या का है, जिसमें द्रव अवस्था में लौह की प्रचुरता है. नासा के नए अध्ययन में पृथ्वी के केंद्र से चंद्रमा के केंद्र की एक असमानता पाई गई, वह है – चंद्रमा के केंद्र के चारों तरफ 300 मील की अर्द्ध द्रवित अवस्था, जिसमें सल्फर जैसे हल्के तत्व की प्रचुरता का अंदेशा है.
वर्ष 1969-72 के दौरान नासा के अपोलो मून कार्यक्रम के तहत चंद्रमा की भूकंपीय गतिविधियों को मापने के लिए चार सिस्मोमीटर लगाए गए थे. इन्हीं से प्राप्त आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित इस शोध को नासा ने जनवरी 2011 के प्रथम सप्ताह में प्रकाशित किया.
नासा का यह नया अध्ययन उस सिद्धांत की प्रतिपुष्टि करता है कि चंद्रमा का निर्माण 400 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी के किसी वृहत खगोलीय पिंड से टकराने के उपरांत हुई होगी.
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