मानव रहित सुदूर चालित अंतरिक्ष यान चांग'ई-3 द्वारा ले जाया गया चीन का पहला चंद्र रोवर 14 दिसंबर 2013 को सफलतापूर्वक चाँद पर उतारा गया. चंद्र रोवर का नाम जेड रैबिट (चीनी भाषा में यूतू) रखा गया है. चांग'ई-3 को एक लंबे मार्च-3बी कैरियर रॉकेट द्वारा भेजा गया था.
अमेरिका और सोवियत संघ के बाद चीन चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला तीसरा देश बन गया है. पिछले तीन दशकों में ऐसा करने वाला चीन पहला देश है. इससे पूर्व, सोवियत संघ का लूना प्रोब 1976 में चाँद पर उतरने वाला आखिरी अंतरिक्ष मिशन था. वह अमेरिका के मानवयुक्त अपोलो 17 मिशन की लॉन्चिंग के चार वर्ष बाद चाँद पर उतरा था.
चंद्र रोवर जेड रैबिट के संबंध में
• यह एक छह पहियों वाला चंद्र रोवर है
• यह चार कैमरों और दो यांत्रिक पैरों से लैस है, जो 30 मीटर की गहराई तक खुदाई कर मिट्टी के नमूने ले सकते हैं.
• यह सौर-ऊर्जायुक्त चंद्र रोवर कम से कम अगले तीन महीनों तक चाँद की सतह पर गश्त कर चाँद की पर्पटी (क्रस्ट), मिट्टी और चट्टानों का अध्ययन करेगा.
• इसका वजन 140 किलोग्राम है और यह खगोलीय प्रेक्षणों के लिए एक प्रकाशिक दूरबीन लेकर गया है
• इसमें एक ताकतवर अल्ट्रावायलेट कैमरा भी है, जिससे यह पृथ्वी के वायुमंडल की विभिन्न परतों, नामत: ट्रोपोस्फियर, स्ट्रेटोस्फियर और आयनोस्फियर पर सौर गतिविधि के प्रभाव की निगरानी करेगा
• रोवर की रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट्स उसे ठंडी चंद्र-रातों में कार्यरत रहने में सहायता करेंगी, जब चाँद का तापमान -180°C तक गिर जाता है
• शंघाई एयरोस्पेस इंजीनिरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, रोवर 30 डिग्री तक की ढलानों पर चढ़ाई कर सकता है और 200 मीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकता है
चीन सैन्य, वाणिज्यिक और वैज्ञानिक प्रयोजनों के लिए अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने में अधिकाधिक महत्वाकांक्षी रहा है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation