केंद्र ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवनीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के तहत 7 राज्यों के 13 शहरों में 1080 बसों की मंजूरी 1 जनवरी 2014 को दी. यह राज्य हैं बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा,पंजाब, सिक्किम और त्रिपुरा.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार इन शहरों में भी वैसी ही बुनियादी सुविधाओं के तहत परियोजनाएं स्वीकृत की गई है जैसे की शहरी परिवहन के लिए डिपो और कार्यशालाओं में की गई हैं.
जेएनएनयूआरएम के द्वितीय चरण के तहत केंद्र ने आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीसीआरटीसी) को 1021 बसों की मंजूरी दी है जिसमें से 737 बसें चार मिशन शहरों हैदराबाद, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा और तिरुपति की हैं. पहले चरण के तहत 2009 में मिशन शहरों के लिए निगम को 1540 बसें मिली थी.
लो फ्लोर बसों में महिलाओं, वृद्धों और विकलांग व्यक्तियों द्वारा आसान बोर्डिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं जो पारंपरिक बसों में दो या तीन कदम लेने में मुश्किल होती है. बस में व्हील चेयर पर बैठकर भी आसानी से चढ़ा जा सकता है. इन बसों में परंपरागत तरीके की तुलना में आसान बोर्डिंग की सुविधा है और उन्हें पुराने शहर के आंतरिक मार्गों पर तैनात किया जाएगा.
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई शहरी क्षेत्र में ढांचागत विकास की एक आधुनिकीकरण योजना है. यह 7 साल की अवधि में 20 अरब से अधिक डॉलर के कुल निवेश की योजना है. यह योजना भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है.
इस योजना का उद्घाटन आधिकारिक तौर पर दिसंबर 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य शहरों में जीवन और बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation