झारखंड उच्च न्यायालय ने गिरिडीह जिले के बहुचर्चित चिलखारी नरसंहार मामले के चार अभियुक्तों को बेगुनाह घोषित कर उनकी फांसी की सजा रद्द कर दी. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरके मेरठिया और न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय की पीठ ने 15 दिसंबर 2011 को चिलखारी नरसंहार मामले के अभियुक्त जीतन मरांडी, छत्तर मंडल, मनोज रजवार और अनिल राम को निर्दोष करार दिया.
झारखंड उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने गिरिडीह जिला न्यायालय द्वारा चारों अभियुक्तों को दी गई फांसी की सजा भी रद्द कर दी. साथ ने पीठ ने चारों अभियुक्तों को 15 दिनों के भीतर जेल से रिहाई का आदेश भी दिया.
ज्ञातव्य हो कि झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित चिलखारी में 26 अक्टूबर 2007 को झारखंड विकास मोर्चा द्वारा आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह था, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाई नुनू लाल मरांडी मुख्य अतिथि थे. पुरस्कार वितरण के बाद देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था कि अचानक दस-बारह लोग मंच पर चढ़ गए और अंधाधुंध गोलियां चला कर बाबूलाल के पुत्र अनूप उनके अंगरक्षक समेत 19 लोगों की हत्या कर दी थी. इसमें 12 लोग घायल भी हुए थे.
झारखंड राज्य पुलिस ने चिलखारी नरसंहार मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जीतन मरांडी, छत्तर मंडल, मनोज रजवार और अनिल राम को आरोपी बनाया था. गिरिडीह जिला न्यायालय ने जून 2011 में चारों को नरसंहार का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.
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