डॉ. मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मध्य बैठक संपन्न

Sep 28, 2013, 18:01 IST

भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मध्य एक दिवसीय बैठक 27 सितंबर 2013 को संपन्न हो गई.

भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मध्य एक दिवसीय बैठक 27 सितंबर 2013 को संपन्न हो गई. दोनों नेताओं की यह बैठक भारत के प्रधानमंत्री की संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए पांच दिन की अमेरिका की यात्रा के दौरान हुई. दोनों नेताओं की यह बैठक ओवल आफिस में हुई. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद से लेकर व्यापार तक और सीरिया से लेकर अफगानिस्तान तक विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
 
दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से अपील की कि वह 2008 के मुम्बई हमले के दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करें. दोनों नेताओं ने 26सितम्बर 2013 को जम्मू-कश्मीर के साम्बा सैक्टर में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की. बातचीत के बाद जारी साझा बयान में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई और आतंकवाद के गढ़ों और बुनियादी ढाचों को तहस-नहस करने तथा अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी गुटों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है.

दोनों नेताओं ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयास में अमेरिका और भारत एक-दूसरे से भागीदारी करने की अपेक्षा रखते हैं. आतंकवाद से निपटने, साइबर, अंतरिक्ष और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों की 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग व्यापक बनाने का भी आह्‌वान किया गया. रक्षा संबंधों में अब तक  की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों द्वारा रक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया.

अपनी तीसरी शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात को दोहराया कि दोनों देशों ने पिछले एक दशक में व्यापक वैश्विक सामरिक भागीदारी विकसित की है. दोनों नेताओं ने सुरक्षा सहयोग, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश ऊर्जा, पर्यावरण और उच्च शिक्षा के स्तर में अगले दशक को भी परिवर्तनकारी दशक बनाने का वादा किया. आतंकवाद से उत्पन्न खतरों पर गहरी चिंता जताते हुए दोनों नेताओं ने संयुक्त और ठोस प्रयास की जरूरत पर बल दिया.

दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के हितों के 21वीं सदी के लिए एक निर्णायक बताया गया. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रक्षा क्षमता बढ़ाने में भारत के प्रयासों में अमेरिकी कंपनियों के भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने वर्ष 2014 में अमेरिकी प्रशांत कमान के नौसैनिक अभ्यास रिम ऑफ पैसेफिक में शिरकत के भारत के फैसले का स्वागत किया.
 
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के बारे में बराक ओबामा और डॉ. मनमोहन सिंह ने सरकारी प्रक्रियाओं में सहमति का जिक्र किया. उन्होंने इस घोषणा का स्वागत किया कि एनपीसीआईएल और अमेरिकी कंपनियों वैस्टिंग हाउस तथा जनरल इलेक्ट्रिक-हिताची गुजरात और आंध्र प्रदेश में परमाणु बिजली घर लगाने के लिए जरूरी कामकाज तेजी से निपटाएंगे. दोनों पक्षों ने भारत अमरीकी असैन्य परमाणु सहयोग समझौते के पूर्ण और समयबद्ध कार्यान्वयन की प्रतिबद्धता दोहराई.

प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने अमेरिकी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए यह कहकर स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आर्थिक सुधार जारी रखने और अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने के लिए प्रतिबद्ध है. न्यूयॉर्क में अमेरिकी व्यापारियों की एक बैठक प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं, अर्थव्यवस्था में स्थायित्व और आर्थिक नीति से संबंधित वातावरण के बारे में अमेरिका के व्यापारी समुदाय की आशंकाओं और चिंताओं को दूर करने की कोशिश की.

दोनों देशों के बीच व्यापार पिछले एक दशक में पांच गुना बढ़कर एक सौ अरब डॉलर का हो गया है. दोनों देशों के बीच संबंधों में आई मजबूती से अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं. इन अपेक्षाओं को पूरा करना दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता और भागीदारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

बौद्धिक संपदा के संरक्षण के बारे में डा. मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया कि भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार कानून है जो विश्व व्यापार संगठन के प्रावधानों के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि अमरीकी कंपनियों की कर से जुड़ी विभिन्न चिंताओं पर गौर किया गया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी व्यापारियों और उद्योगपतियों से अनुरोध किया कि वे कानूनी या प्रशासनिक उपायों के द्वारा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का विरोध न करें और उनके लिए बाधायें खड़ी न करें.

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कहा कि हमने आपसी संबंधों और अफगानिस्तान और पाकिस्तान के साथ अपने नजदीकी संबंधों के बारे में भी चर्चा की. मैंने राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपने सामने मौजूद कठिनाइयों के बारे में बताया और कहा कि पाकिस्तान अब भी आतंकवाद का केन्द्र बिन्दु है.

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