दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत की गई. यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 अगस्त 2013 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इसकी शुरूआत की. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं. इस योजना के दायरे में आने वाले लाभार्थियों को 1 सितंबर 2013 से ज्यादा रियायती दर पर अनाज प्राप्त होना है. शुरू में कमजोर वर्गों के 32 लाख लोगों को इस योजना का लाभ प्राप्त होना है और बाद में 73 लाख लोग इस योजना के दायरे में लाए जाने हैं.
इस योजना के लाभार्थियों को 3 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से चावल, 2 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से गेहूं तथा 1 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से मोटा अनाज प्राप्त होना है. अंत्योदय अन्न योजना की श्रेणी में आने वाले परिवारों को प्रत्येक महीने 35 किलोग्राम अनाज, जबकि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों, झुग्गी बस्तियों और पुनर्वास कॉलोनियों के राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलोग्राम अनाज प्राप्त होना है.
हरियाणा
हरियाणा में मुख्यमंत्री भुपेन्दर सिंह हुड्डा 20 अगस्त 2013 में पानीपत में खाद्य सुरक्षा योजना के पहले चरण की शुरूआत की. योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की शुरूआत के पहले चरण में अंत्योदय अन्न योजना सहित सभी बीपीएल परिवारों को शामिल किया जा रहा है. इस योजना को प्रदेश में पहले से चल रहे 9174 डिपो के माध्यम से शुरू किया जा रहा है. पहचाने गए अन्य 72 परिवारों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद दूसरे चरण में उन्हें भी इस योजना में शामिल कर लिया जाना है. हरियाणा में 1 करोड़ 26 लाख 49 हजार लोगों को केंद्र की इस महात्वाकांक्षी योजना का लाभ प्राप्त होना है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने देहरादून में नगर निगम टाउन हॉल में खाद्य सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार की सबसे बड़ी उम्र की महिला को परिवार का मुखिया माना जाना है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश- 2013 के मुख्य बिंदु
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश-2013 पर 5 जुलाई 2013 को हस्ताक्षर किए थे. इसके द्वारा देश की जनता को खाद्य पोषण और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है इसके जरिए लोगों को काफी मात्रा में अनाज वाजिब दरों पर पाने का अधिकार मिला. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश -2013 का विशेष बल गरीब से गरीब व्यक्ति, महिलाओं और बच्चों की जरूरतें पूरी करने पर है. लोगों (लाभार्थी) को अनाज नहीं मिल पाने पर उन्हें खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का प्रावधान है. इसमें शिकायत निवारण तंत्र की भी व्यवस्था है. यदि कोई जन सेवक या अधिकृत व्यक्ति इसका अनुपालन नहीं कर रहा है तो उसके खिलाफ शिकायत करने का प्रावधान है. इसमें देश की 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को हर महीने सब्सिडी वाली दरों पर अर्थात तीन रूपए, दो रुपए, एक रुपए प्रति किलो चावल, गेहूं और मोटा अनाज पाने का अधिकार दिया गया है. इसमें प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह कुल 5 किलोग्राम अनाज देने का प्रावधान है, जिसकी दर (देय दर) चावल 3 रूपए प्रतिकिलो, गेहूं दो रुपए, मोटा अनाज एक रुपए प्रति किलोग्राम है.
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