18 सितंबर 2015 को भारत और लाओस ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों पर भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लाओस के राष्ट्रपति लाओ चौम्मालय सायासोन ने वियनतियाने स्थित राष्ट्रपति भवन में हस्ताक्षर किए.
समझौतों में दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शुरु करने के लिए वायु सेवा समझौता भी शामिल है. दूसरा समझौता कृषि क्षेत्र में तीन त्वरित प्रभाव परियोजनाओं ( मेकॉन्ग– गंगा सहयोग कार्यक्रम के तहत) के लिए है.
बैठक के दौरान लाओ के सिंचाई विभाग के महानिदेशक मेकोन्ह पोनेफोम्मावोंग ने WAPCOS लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर के गुप्ता को कार्य पूरा होने और चम्पास्साक सिंचाई परियोजना का प्रमाणपत्र दिया.
भारत– लाओस द्विपक्षीय संबंध
भारत के लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (पीडीआर) के साथ काफी लंबे समय से मैत्रीपूर्ण और आपसी समर्थक संबंध रहे हैं. भारत सरकार और लाओ सरकार के बीच राजनयिक संबंध फरवरी 1956 में शुरु किए गए थे.
भारत और लाओ पीडीआर के बीच बेहतरीन राजनीतिक संबंध हैं. इस कारण लाओ पीडीआर प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का समर्थक रहा है. साल 2010 में लाओ ने 2011– 2013 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.
पिछले कुछ वर्षों में लाओ पीडीआर और भारत ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौते विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक सहयोग और व्यापार के साथ– साथ रक्षा और दूतावास संबंधी मामलों में किए गए और इन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के लिए अनिवार्य रूपरेखा तैयार की.
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