तालिबान के खिलाफ देश के संघर्ष का प्रतीक बन गई पाकिस्तान की किशोरी मलाला यूसुफजई को फ्रांस के सिमोन डी बेवॉर पुरस्कार से 9 जनवरी 2013 को सम्मानित किया गया. मलाला यूसुफजई को यह पुरस्कार लड़कियों की शिक्षा के पक्ष में अभियान चलाने के लिए दिया गया. मलाला यूसुफजई के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने यह पुरस्कार प्राप्त किया.
विदित हो कि मलाला यूसुफजई (15) को तालिबान आतंकियों ने स्वात घाटी के मिंगोरा शहर के पास स्कूल बस से उतारकर सिर में गोली मार दी थी. पहले उसका इलाज सेना के अस्पताल में किया गया, बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे ब्रिटेन भेज दिया गया था. मलाला यूसुफजई पाकिस्तान के अशांत इलाके स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चला रही थीं. वह बीबीसी के लिए ऊर्दू डायरी लिखने के कारण चर्चा में आई.
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