पिपावाव शिपयार्ड को 24 मार्च 2011 को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से भारतीय नौसेना के लिए युद्धक जहाज बनाने की अनुमति मिल गई. पिपावाव शिपयार्ड अब पनडुब्बी, विध्वंसक और विमानवाहक पोत आदि के लिए बोली लगा सकती है.
पिपावाव शिपयार्ड के पास हर वर्ष पांच युद्धक विमान बनाने का लाइसेंस है. विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा पिपावाव शिपयार्ड को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति भी दी गई.
मार्च 2011 में ही विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने एबीजी शिपयार्ड को भी ऐसी ही अनुमति प्रदान कर चुकी है. हालांकि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने भारतीय कंपनी में विदेशी कंपनियों के लिए 21.91 फीसदी हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा तय कर दी है.
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